नीलम हरीश तोलानी कृति सम्मान से सम्मानित

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इंदौर । वरिष्ठ शिक्षक और लेखक डाॅ. एस.एन. तिवारी की स्मृति में रचनाकारों का सम्मान समारोह रविवार शाम मध्य भारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के शिवाजी सभागार में हुआ। साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिये समारोह में सम्मानित किये गये वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. शरद पगारे व मिथिलेश दीक्षित सहित नीलम हरीश तोलानी को उनकी कृति कितना मुश्किल कबीर होना के लिए कृति सम्मान दिया गया। श्रीमती तोलानी की पुस्तक संस्मय प्रकाशन से प्रकाशित हुई है।
आयोजन में मुख्य अतिथि उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत और कला अकादमी, मध्य प्रदेश के निदेशक जयंत भिसे, अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार हरेराम बाजपेयी सहित विशेष अतिथि हिंदी मासिक पत्रिका वीणा के संपादक राकेश शर्मा व इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी रहे।

समारोह में डाॅ. शरद पगारे के अलावा मनोज कुमार (भोपाल), संतोष सुपेकर (उज्जैन), डाॅ. सोनाली सिंह (इंदौर) को विधा आधारित, अर्चना मंडलोई (इंदौर) व नीलम तोलानी (इंदौर) को कृति आधारित सम्मान दिया गया। युवा रचनाकार सम्मान से गौरव साक्षी (राजगढ़, धार) सम्मानित हुए। डाॅ. मिथिलेश दीक्षित (लखनऊ) को भी विशिष्ट योगदान सम्मान दिया गया।
आयोजन समिति के संयोजक मुकेश तिवारी ने हर वर्ष आयोजित किये जाने वाले इस सम्मान समारोह का ब्यौरा दिया। आयोजन में सहयोगी संस्था विचार प्रवाह साहित्य मंच की ओर से स्वागत भाषण श्रीमती सुषमा दुबे ने दिया। संचालन डाॅ. अमृता अवस्थी ने किया। आभार देवेन्द्र सिंह सिसौदिया ने माना। समारोह में साहित्य, शिक्षा, पत्रकारिता जगत के अनेक प्रमुख लोग और बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद थे।

कौन है नीलम तोलानी ‘नीर’, जानिए ‘कितना मुश्किल कबीर होना’ की लेखिका को

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।