नीलम हरीश तोलानी कृति सम्मान से सम्मानित

1 0
Read Time2 Minute, 50 Second

इंदौर । वरिष्ठ शिक्षक और लेखक डाॅ. एस.एन. तिवारी की स्मृति में रचनाकारों का सम्मान समारोह रविवार शाम मध्य भारत हिन्दी साहित्य समिति, इन्दौर के शिवाजी सभागार में हुआ। साहित्य के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिये समारोह में सम्मानित किये गये वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ. शरद पगारे व मिथिलेश दीक्षित सहित नीलम हरीश तोलानी को उनकी कृति कितना मुश्किल कबीर होना के लिए कृति सम्मान दिया गया। श्रीमती तोलानी की पुस्तक संस्मय प्रकाशन से प्रकाशित हुई है।
आयोजन में मुख्य अतिथि उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत और कला अकादमी, मध्य प्रदेश के निदेशक जयंत भिसे, अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार हरेराम बाजपेयी सहित विशेष अतिथि हिंदी मासिक पत्रिका वीणा के संपादक राकेश शर्मा व इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष अरविंद तिवारी रहे।

समारोह में डाॅ. शरद पगारे के अलावा मनोज कुमार (भोपाल), संतोष सुपेकर (उज्जैन), डाॅ. सोनाली सिंह (इंदौर) को विधा आधारित, अर्चना मंडलोई (इंदौर) व नीलम तोलानी (इंदौर) को कृति आधारित सम्मान दिया गया। युवा रचनाकार सम्मान से गौरव साक्षी (राजगढ़, धार) सम्मानित हुए। डाॅ. मिथिलेश दीक्षित (लखनऊ) को भी विशिष्ट योगदान सम्मान दिया गया।
आयोजन समिति के संयोजक मुकेश तिवारी ने हर वर्ष आयोजित किये जाने वाले इस सम्मान समारोह का ब्यौरा दिया। आयोजन में सहयोगी संस्था विचार प्रवाह साहित्य मंच की ओर से स्वागत भाषण श्रीमती सुषमा दुबे ने दिया। संचालन डाॅ. अमृता अवस्थी ने किया। आभार देवेन्द्र सिंह सिसौदिया ने माना। समारोह में साहित्य, शिक्षा, पत्रकारिता जगत के अनेक प्रमुख लोग और बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद थे।

कौन है नीलम तोलानी ‘नीर’, जानिए ‘कितना मुश्किल कबीर होना’ की लेखिका को

matruadmin

Next Post

परिचर्चा- कैसे समृद्ध हो साहित्य का इन्दौरी घराना?

Tue Dec 27 , 2022
परिचर्चा संयोजक- डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ भारत के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में चिह्नित इन्दौर का सांस्कृतिक और साहित्यिक सौष्ठव भी अभूतपूर्व है। इस शहर ने हिन्दी कहानी में डॉ. शरद पगारे, डॉ. कृष्णा अग्निहोत्री, कविता में राजकुमार कुम्भज, चंद्रसेन विराट, सत्यनारायण सत्तन सहित अन्य विधाओं में भी देश […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।