मेरा देश विश्व गुरु बन जाये

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चारो वेदो का ज्ञान सब पाये ,
मेरा देश विश्व गुरु बन जाये |
एक और है मेरी आखरी इच्छा ,
फिर से सोने की चिड़िया कहलाये ||

कुछ विदेशी बाहर से आये,
व्यापारी बनकर यहाँ आये |
उन्होंने मेरे देश को खूब लूटा ,
हम गरीब वे अमीर बन पाये ||

ले लो मेरे प्राणों की आहुति,
ये मेरा यज्ञ सफल हो जाये |
जो खंडो में विभक्त हुआ था ,
फिर से अखंड भारत हो जाये ||

चल रही है चारो तरफ कूटनीति,
युद्ध का बादल चारो तरफ मंडराये |
दे रहे है एक दूजे को युद्ध की धमकी,
कही विश्व में विश्व युद्ध न हो जाये ||

फिर कैसे विश्व शान्ति आये ?
जो एक दूजे के गले लग जाये |
छट जाये ये सब युद्ध के बादल ,
एक नया शान्ति सबेरा आये ||

छट सकते है ये युद्ध के बादल,
जब सब देश एक साथ आये |
स्वारथ को चोला छोड़ कर ,
शांति का सब बिगुल बजाये ||

अब भारत को आगे आना होगा ,
विश्व को शांति पाठ पढाना होगा |
जिससे युद्ध के बादल छट जाये ,
और भारत विश्व गुरु बन जाये |

और भारत विश्व गुरु बन जाये,
फिर से सोने की चिड़िया कहलाये |

#आर के रस्तोगी
गुरुग्राम (हरियाणा)

matruadmin

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