गौरैया

0 0
Read Time1 Minute, 37 Second
anurag
फुदक-फुदक कर चलती है,
पल में जगह बदलती है।
इसकी सुन्दरता सबने जानी,
गौरैया है चिड़ियों की रानी।
कितनी छोटी,कितनी न्यारी,
चीं-चीं की आवाज है  प्यारी।
कोई है भूरी,कोई सफ़ेद,
प्रजातियां हैं इसकी अनेक।
हर घर में रहने की है ठानी,
गौरैया है चिड़ियों की रानी।
छोटे-छोटे पर हैं इसके,
मानव बस्ती में घर हैं इसके।
छोटी चोंच प्यारी है बड़ी,
पीले पैरों पर रहती खड़ी।
आज सुनो तुम इसकी कहानी,
गौरैया है चिड़ियों की रानी।
आती है घर-आंगन में,
खुशियां लाती है जीवन में।
सुख-समृद्धि लेकर है आती,
मन में उमंगें भरकर जाती।
अपनी खूबी से अनजानी,
गौरैया है चिड़ियों की रानी।
संकट में आज  गौरैया का जीवन,
ख़त्म हो रहा इसका आंगन।
कीटनाशक और मोबाइल टॉवर,
ख़त्म कर रहे अनमोल धरोहर।
वृक्षारोपण कर हरियाली है लानी,
गौरैया है चिड़ियों की रानी।
इसे सहेजो,इसे बचाओ,
घर के आँगन में इसे बसाओ।
इसकी आवाज की मधुरता,
सदा बनी रहे इसकी सुंदरता।
ये बातें हैं आज बतानी,
गौरैया है चिड़ियों की रानी।
                                                                                  #अनुराग कुमार                                     
परिचय : उत्तर प्रदेश के जिला महाराजगंज स्थित सिसवा में अनुराग कुमार रहते हैंl आपको कविताएं लिखना बहुत पसंद हैl

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

माइक से चिपका आदमी

Thu Jun 8 , 2017
आदमी एक चिपकू पदार्थ है,जहां मौका मिला चिपक गया। माइक में कोई फेविकॉल नहीं होता,गोंद नहीं होता,आकर्षण-सौंदर्य नहीं होता,दिखने में एक पाइप की तरह,आवाज कभी अच्‍छी-तो कभी खराब निकलती है और कभी बेसुरी,बकवास -सी लगती है,लेकिन आम  से लेकर खास आदमी तक चाहता है-माइक मेरे पास रहे। लोग पिता को […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।