नई उमंगें,नई तरंगें,दामन में लाया यह नव वर्ष, आशाओं का दीपक लेकर,हंसता आया यह नव वर्ष॥ नई आशा,नई अभिलाषा,नए गंतव्य का सृजन होगा, नूतन अवसर के धूप से,जगमग ये नील गगन होगा। झूमें-गाएं,सब मौज मनाएं,सब पर छाया यह नव वर्ष, आशाओं का दीपक लेकर,हंसता आया यह नव वर्ष॥ इस नवीन […]

फुदक-फुदक कर चलती है, पल में जगह बदलती है। इसकी सुन्दरता सबने जानी, गौरैया है चिड़ियों की रानी। कितनी छोटी,कितनी न्यारी, चीं-चीं की आवाज है  प्यारी। कोई है भूरी,कोई सफ़ेद, प्रजातियां हैं इसकी अनेक। हर घर में रहने की है ठानी, गौरैया है चिड़ियों की रानी। छोटे-छोटे पर हैं इसके, […]

आओ आज हम एक नया काम करते हैं, ये दिन भूखे-गरीबों के नाम करते हैं। कुछ रोटियां और कुछ कपड़े जुटाते हैं, चलो आज उनकी हसीं ये शाम करते हैं। उद्योगों के सृजन की भूमिका निभाते हैं, श्रमिक निज लगन से उसको सफल बनाते हैं। आओ उनकी मेहनत को सलाम […]

सूख जाएगा इक दिन पानी, करते रहे अगर तुम मनमानी। इसको बचाओ,मान लो भाई, ‘जल है जीवन’ जान लो भाई। जल सबकी प्यास बुझाता है, फसलों को भी चमकाता है। इसकी महत्ता का ज्ञान लो भाई, ‘जल है जीवन’ जान लो भाई। जल पर आधारित हैं सभी उद्योग, साफ-सफाई में […]

जीवन के कोरे कागज पर,कर्मों की गाथा लिख दे, विस्तृत नील गगन पर,सफलता की परिभाषा लिख दे। शिखर ये सफलता का,कर रहा तेरा आव्हान, विपत्तियों से लड़कर,बन कुशल-दिव्य-ज्योति-नूतन। अब तोड़ अपनी निद्रा को,मन की अभिलाषा लिख दे, विस्तृत नील गगन पर,सफलता की परिभाषा लिख दे। तू कायर है तो हार […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।