
अमर क्रांति का दिवस आया,
अगस्त क्रांति का दिवस आया ।
इस पावन बेला में,
साथी नवयुग लाने का प्रण करते हैं ।
मां भारती के चरणों में शीश चढ़ाने का प्रण करते हैं ।।
नौ अगस्त है ऐतिहासिक क्रांति दिवस,
अंग्रेजों भारत छोड़ो…
मुंबई में क्रांतिवीरों ने हुंकार भरी ।
गोरी अंग्रेजी सत्ता बहुत डरी ।।
पन्द्रह अगस्त सन सैंतालीस में,
हम सब भारतवासियों को आजादी की सांस मिली ।
हजारों-लाखों शहादतों के वाद यह पावन आजादी मिली।।
हमने मां भारती के सीने में दफन दर्द को भुलाया,
यहां के धूर्त नेताओं ने
अंग्रेजों से भी ज्यादा कहर है ढाया
शहीदों के कफनों तक का सौदा करवाया ।
सत्ता का दुर्व्यवहार नागरिकों के प्रति,
मतदाता मत देकर पछताया
आज देखकर देश की दुर्दशा
अमर क्रांति का अर्थ समझ नहीं आया…
मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
आगरा (उत्तर प्रदेश)