कोरोना के कान

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इक छोटा सा वायरस,दहशत में संसार।
कोरोना ने रोक दी,जीवन की रफ्तार।।

साफ-सफाई स्वच्छता,साबुन का उपयोग।
कोरोना की श्रृंखला,तोड़ेंगे हम लोग।।

धर्म,जाति,मज़हब नहीं,ऊँच,नीच ना रंग।
कोरोना का वायरस,करे सभी को तंग।।

क्यों दें हम परिवार को,जीवन भर की टीस।
दृढ़ता पूर्वक काट लें,घर में दिन इक्कीस।।

रखें दूरियाँ जिस्म से,दिल से रहिए पास।
मिट जाएगी आपदा,मन में हो विश्वास।।

कोरोना का कायदा,करता है यह योग।
दूर दूर हम सब रहें,लाइलाज यह रोग।।

हाथों को धोते रहें,धोते रहें रुमाल।
छूने से बचते रहें,आँख,नाक औ’ गाल।।

लापरवाही कर गए,बड़े-बड़े कुछ देश।
हालत पतली हो गई,बदल गया परिवेश।।

राई का पर्वत करे,फैलाते अफवाह।
राष्ट्रद्रोह समकक्ष है,यह संगीन गुनाह।।

धन्वंतरि के वंशजों,क्यों देते हो जान।
आयुर्वेद से खींचिए,कोरोना के कान।

कमलेश व्यास कमल
उज्जैन (म.प्र.)


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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।