आपदा को बनाया सेवा का अवसर

0 0
Read Time4 Minute, 18 Second

सेवा सर्वोपरि बना सैंकड़ो परिवारों की मुस्कान, राशन, जल और भोजन वितरण किया

इंदौर। वैश्विक आपदा ने जहाँ पूरे विश्व को प्रभावित किया हुआ है, ऐसे मुश्किल दौर में युवा हिन्दी सेवियों द्वारा सेवा का ज़िम्मा उठाते हुए देश के कई शहरों में मातृभाषा उन्नयन संस्थान के सेवा सर्वोपरि प्रकल्प के माध्यम से जुड़कर सेवा कार्य किए गए, जो हज़ारों परिवारों की मुस्कान का कारण बन गए।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के प्रकल्प सेवा सर्वोपरि की स्थापना अप्रैल 2021 में संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने की तथा संस्थान के राष्ट्रीय सचिव गणतंत्र ओजस्वी व प्रदेश अध्यक्ष अमित जैन मौलिक के साथ मिलकर प्रकल्प के माध्यम से ऑक्सीज़न सिलेंडर से लेकर दवाईयाँ, अस्पतालों की जानकारी, इंजेक्शन, प्लाज़्मा, चिकित्सक परामर्श, कच्चा राशन बाँटना, मरीज़ों के परिजनों और पुलिसकर्मियों को पानी की बोतलें बाँटना आदि कार्य लगातार किया जा रहा है।
इन्दौर, जबलपुर, भोपाल, सागर सहित कई शहरों में प्रकल्प से जुड़े सेवादूत अमित जैन मौलिक, अजय मिश्रा, राकेश राकेंदु, अमन जैन गर्दा, अरिहन्त जैन, इरशाद खान आदि द्वारा लगातार राशन, भोजन सहित पशुओं के आहार का भी प्रबंध करवाया जा रहा है।

इस प्रकल्प ने डिजिटल रूप में आने वाली सूचनाओं, जैसे ऑक्सीज़न सिलेण्डर की आवश्यकता, इंजेक्शन, दवाई, अस्पतालों की उपलब्धता, अन्य सहायता को अपने प्रकल्प के साथियों के माध्यम से इंदौर, भोपाल, जबलपुर, सागर, छतरपुर, देवास, उज्जैन सहित झाँसी, कानपुर, लखनऊ, कोलकाता, दिल्ली, मुम्बई आदि शहरों में सेवा कार्य किया।
इसके अलावा इन्दौर, जबलपुर, भोपाल में संस्थान द्वारा लगातार भोजन, कच्चा राशन एवं जल वितरण किया जा रहा है।

प्रकल्प द्वारा लगभग बीस हज़ार से अधिक पानी की बोतलें, आठ सौ से अधिक परिवारों तक कच्चा राशन और सैंकड़ो लोगों को भोजन उपलब्ध करवाया जा चुका है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ ने कहा कि ‘मात्र भाषा ही नहीं बल्कि मानव मात्र की सेवा हमारा ध्येय है, उसी को लक्ष्य में रखकर संस्थान द्वारा बीते 50 से अधिक दिनों के आपदाकाल में हिन्दीयोद्धाओं द्वारा लगातार सेवाकार्य कर हज़ारों चेहरों की मुस्कुराहट लाने का कार्य किया गया है।’

सेवा सर्वोपरि प्रकल्प में दिल्ली से भावना शर्मा, कवि श्रुति जैन अतिशय, आकाश जैन, इन्दौर से नीना जोशी, नीतेश गुप्ता, इरशाद खान, ऋषभ जैन ‘ऋषभ’, मौसम शाह, जया जैन, शिखा जैन, मनोज तिवारी, शाहिद खान, अलीराजपुर से सुरभि जैन, सपन जैन काकड़ीवाला, भोपाल से अमृता पाण्डेय, सागर से विशेष सिंघई, वारासिवनी से मीना विवेक जैन आदि 50 से ज़्यादा साथी सक्रियता से 24 घण्टे कार्य कर रहे हैं।
प्रकल्प के माध्यम से बीते दिनों में पुलिसकर्मियों के लिए कोरोना सुरक्षा कवच किट भी वितरित किए गए।

matruadmin

Next Post

भूल गए

Thu Jun 3 , 2021
भूल गए हम क ख ग घ, भूल गए हम गिनती। मैडम जी आकर याद दिलाओ, आज करें हम विनती। गुम हो गईं कॉपी किताबें, गुम हो गया बस्ता। घर से स्कूल जाने का, भूल गए हम रस्ता। मैडम जी हमें बुलाने आओ, आज करें हम विनती। भूल गए……… ड्रेस […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।