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किरदार निभाते सब अपना
कर्म निभाते सब अपना
जीवन रूपी इस यात्रा मे
सुख अपना दुख भी अपना
जन्म के साथ यात्रा चलती
संघर्षो के साथ आगे बढ़ती
संस्कार से सुपथ बनता
विकर्मो से भाग्य बिगड़ता
सृष्टि रूपी जीवनगाड़ी मे
कोई चढ़ता कोई उतरता
इस गाड़ी का प्रभु नियन्ता
वही चालक वही अभियन्ता
बस प्रभु का ध्यान लगाओ
अपनी यात्रा सुखद बनाओ।
#श्रीगोपाल नारसन
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