पंक्षी

1 0
Read Time51 Second

सुबह उड़ते-उड़ते पंक्षी बोले,
प्यारे बच्चों क्या हाल-चाल हैं।
सुबह से तुम लिखते रहते हो,
सचमुच सब बच्चे कमाल हैं।।

बच्चों कुछ लिखो हमारे बारे में भी,
हम कठिन दौर से गुजर रहे हैं।
हमकों खाना कहाँ मिलेगा अब,
धरा पर मानव जंगल काट रहे हैं।।

तोता मैना चिड़िया कोयल सारे,
इसी सोंच में हम सब हैं भारी।
मानव हमारा घर उजाड़ रहा,
आखिर क्या गलती थी हमारी?

जब न होंगे इस धरा पर जंगल,
कहाँ होगा फिर बसेरा हमारा?
बच्चों तुम सबको यह समझाना,
न होंगे पेड़, तो न होगा जहाँ हमारा।।

नवनीत शुक्ल(शिक्षक)
रायबरेली (उत्तर प्रदेश)

matruadmin

Next Post

रास्ते में मां

Thu Sep 17 , 2020
छोटा बेटा जब लेने आया तो मां को यह समझ आ गया था कि बङ़े बेटे के यहां रहते हुए एक महीना बीत गया है। शरीर में शक्ति नहीं थी,मन बैचैन हो रहा था, दिल बैठा जा रहा था, ऐसे में छोटे बेटे के घर सीढ़ियां चढ़ाना वश में नहीं […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।