बन्द है दरवाजे,कभी तो खुलेंगे

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बन्द हैं दरवाजे,कभी तो खुलेंगे,
कभी तो हम अपनो से मिलेंगे।
उम्मीद रखो,अच्छा वक्त आयेगा,
जो बिछड़े है,वे जल्दी ही मिलेंगे।।

सूरज छिपता है,तो निकलता भी है,
बीज बोते है,तो पौधा उगता भी है।
उम्मीद पर है ये कायम दुनिया है सारी,
सोता है इंसान तो कभी जागता भी है।।

ख्तम होगा गम,खुशियां लौटकर आयेगी,
कभी न कभी तो चेहरों पर मुस्कान आयेगी।
फ़िक्र मत कर ये जलजला ख़तम हो जायेगा,
खुशी की लहरे जिंदगी में जरूर आएगी।।

रहता नहीं बख्त एक सा बदलता रहता,
बुरा बख्त हमेशा ही याद आता रहता,
आता है बुरा बख्त कुछ सिखा कर जाता,
बख्त के साथ दुनिया का रुख बदल जाता।।

जल्दी ही लौटेंगी जिंदगी में खुशियां,
अपनो से मिलकर बाटेंगे ये खुशियां।
अभी कुछ गमों का दौर है चल रहा,
इम्तिहानों के बाद मिलेगी ये खुशियां।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

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