टोटल हेल्थ कार्यक्रम जनता की भाषा में क्यों नहीं ?

0 0
Read Time1 Minute, 47 Second

महोदय,
आपका टोटल हेल्थ कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्र के लोग नहीं देख रहे हैं जबकि इस कार्यक्रम की आवश्यकता ग्रामीण क्षेत्र में सबसे अधिक है। कार्यक्रम न देखने का एक कारण यह है कि आपके जो प्रस्तोता, विशेषज्ञ एवं डॉक्टर हैं वे यह कार्यक्रम हिंग्लिश यानी कि अंग्रेजी और हिंदी की मिश्रित भाषा में करते हैं या फिर अंग्रेजी में करते हैं, हिन्दी बहुत कम सुनाई देती है ।

यह भाषा ग्रामीण क्षेत्र के लोग नहीं समझते हैं, हमारे यहां बोलचाल में अभी भी हिंदी ही बोली जाती है। बड़े-बड़े शहरों में लोग हिंग्लिश बोलते होंगे पर छोटे शहरों, कस्बों और गांवों में आज भी हिंग्लिश नहीं चलती है इसलिए हमें आप का कार्यक्रम समझ में नहीं आता है। वैसे भी दूरदर्शन को बड़े शहरों में देखने वालों की संख्या काफी कम है और गाँवों में अधिक इसलिए आपसे अनुरोध है अपने कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्र और छोटे कस्बों को ध्यान में रखकर बनाएं, इसका कार्यक्रम को हिन्दी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में अलग-अलग कर दीजिए, हिंदी का कार्यक्रम शुरू करने से बड़ी सुविधा होगी।
आशा है आप हमारी असुविधा, परेशानी व कष्ट को समझेंगे।

धन्यवाद सहित

भवदीय
अभिषेक कुमार

वैश्विक हिंदी सम्मेलन, मुंबई

matruadmin

Next Post

अंधेरे उजाले

Sun Apr 11 , 2021
कभी अंधेरों में रोशनी को ढूँढ़ता हूँ। तो कभी रोशनी को अंधरो में खोजता हूँ। एक दूसरे के बिना दोनों ही अधूरे से हैं। इसलिए दीयावाती तेल दोनों के पूरक हैं।। जिंदगी के सफर में कुछ कुछ होता रहता हैं। कभी जिंदगी में अंधेरा तो कभी उजाला होता है। पर […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।