वो रास्ता

0 0
Read Time1 Minute, 38 Second

piyush

जिस रास्ते से गुजरती थी वो,
वो रास्ता मुझे उसकी याद दिलाता है..
जब भी गुजरता हूं उस रास्ते से,
तो उसका चेहरा मेरी आँखों में आता हैl

ऐसा लगता है जैसे हम उसके साथ चल रहे हैं,
उस वक़्त जो न कह सके थे वो आज कह रहे हैं..
पूरे रास्ते में मुझे बस वो ही नजर आती है,
आज भी उसकी याद मुझे बहुत तड़पाती हैl
दिल करता है काश वो मुझसे कुछ बोले,
राज अपने दिल के वो मुझसे खोले..
पर बिना कुछ कहे वो मुझसे मुंह मोड़ गई,
बीच रास्ते में वो मुझे अकेला छोड़ गईl
रास्ता तो वही है पर वक़्त वो न रहा,
बिछड़कर उससे जाता मैं कहाँ..
वो रास्ता तो आज भी उसकी याद दिलाता है,
जब भी गुजरता हूं उस रास्ते से..
उसके करीब होने का एहसास दिलाता है…..ll

                                                                             #पीयूष राज

परिचय : पीयूष राज की उम्र मात्र १७ साल है, पर लेखन में खासे सक्रिय हैं। कविता और कहानी लिखना इनको पसंद है। २०१५ से कविता लिखते हुए अब तक ५७ लिख चुके हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में यह प्रकाशित हो चुकी हैं। आप जिला दुमका (झारखण्ड)में बसे हुए हैं। वर्तमान में दुमका में द्वितीय वर्ष (डिप्लोमा अभियंत्रण छात्र) में अध्ययनरत हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

मुग़ालते पाल रखे हैं

Thu Apr 6 , 2017
लोगों ने कैसे-कैसे मुग़ालते पाल रखे हैं, दोस्त जानकर आस्तीनों में सांप पाल रखे हैं। वो तो समाया हैं ज़र्रे-ज़र्रे में, फ़िर क्यूँ पत्थरों में ही भगवान पाल रखे हैंl नसीब नहीं होता हर किसी पर मेहरबाँ, नादान लोगों ने गले में ताबीज़ पाल रखे हैंl ग़रीब को अब कोई […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।