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परमपिता के हम सब बच्चे
क्या छोटे क्या बड़े बच्चे
सबमे एक से प्राण बसे है
क्या गोरे क्या काले बच्चे
प्यार आपस मे बस बना रहे
क्या लाये थे क्या ले जाएंगे बच्चे
बच्चे ही तो स्त्री पुरुष है बनते
निरहंकार से सजते है बच्चे
स्त्री-पुरूष साथ दोनों चलते
जीवन में खुशियां सींचते बच्चे
ग्रहस्ती अच्छी तभी तक चलती
परमात्म याद में जब रहते बच्चे।
#श्रीगोपाल नारसन
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