सच्ची प्रेरणा…. हमारी मां

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मैं कृतज्ञ हुईं
जब मैंने पाया कोख तुम्हारा
फिर जीवन को पाकर धन्य हुई मां
करती रही परिक्रमा हमेशा तुम्हारी
हर कदम पर तुमसे ही
मार्गदर्शन पाकर
चलती रही भ्रमणशील सी धरा पर
तुम्हारे और पापा की
अंगुली थामकर
बुनना सीखती रही
रिश्तों के खूबसूरत से तानों बानो को
जीवन के हर एक
जटिल संघर्ष को
पर्वत की भांति अडिग होकर
खड़े रहना सीखती रही तुमसे ।
वक्त के क्रुर थपेड़ों को
मधुर मुस्कराहटो के साथ
साधना सीखती रही तुमसे
सामाजिक कुरीतियों और व्यभिचारी
समाज के बीच
अपने सूर्य की भर्ती चरित्र को
मर्यादा की सीमा में रहकर
चलना सीखती रही तुमसे
तुम्हारे जाने के बाद भी
तुम्हारे संग बिताए अनंत लम्हों को
खुद में समेट कर
आज भी चलने का
सिलसिला अनवरत हासिल किए हैं
तुम पास नहीं हो अपने
भौतिक स्वरूप से
किंतु तुम्हारे विराट स्वरूप को
स्पंदन करते जी रही हूं
हर सांस अपनी
सच्ची प्रेरणा के साथ
जीने का प्रयास कर रही है

#स्मिता जैन

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।