
कितनी हंसी ठिठोली में
दिन बीता है होली में
पड़ गये गिरधर ग्वाल अकेले
राधा की हमजोली में
सारा रा रा शामिल अब है
तेरी मेरी बोली है
उसने जो पिचकारी मारी
रख ली हमने चोली में
मीरा हो गई घायल -घायल
मेरे कान्ह की गोली में
भाग न पाई सखियाँ मेरी
रखी रंग थी झोली में
पूआ लेकर मम्मा बोली
पहले आओ रोली में
जाने कहां छुपी हो सखियाँ
निकल गई मैं कोली में
अब मैं किसको रंग पड़ाता
अपनी खाली खोली में
लिए अबीर आई जो भाभी
भैया बढ़ गये टोली में
#डा जियाउर रहमान जाफरी
नालंदा, बिहार