हर ट्रेन की यही कहानी , टूटे फ्लश – बेसिन में पानी !!

0 0
Read Time3 Minute, 39 Second
tarkesh ojha
tarkesh ojha

हम भारतीयों की किस्मत में ही शायद सही – सलामत यात्रा का योग ही नहीं लिखा है । किसी सफर में सब कुछ सामान्य नजर आए तो हैरानी होती है । कोरोना काल में उत्तर प्रदेश की मेरी वापसी यात्रा का अनुभव कुछ ऐसा ही रहा । कई मामलों में नए अनुभव के बावजूद चिर – परिचित असुविधा़ओं के कायम नजर आने से मुझे यही लगा कि अपने देश में ” हर ट्रेन की यही कहानी , टूटे फ्लश – बेसिन में पानी ” वाली सूरत जल्द बदलने वाली नहीं ।
प्रतापगढ़ से हिजली तक की अपनी यात्रा शुरू करने जब मैं स्टेशन पहुंचा तब स्टेशन के सारे प्लेटफार्म सूने नजर आ रहे था । ज्यादा भीड़भाड़ नहीं थी , अलबत्ता कुछ बंदर धमाचौकड़ी मचाए थे । कोरोना काल में खाने की कमी से शायद वे भी परेशान थे । ०२८७६ आनंदविहार – पुरी कोविड स्पेशल ट्रेन के लिए मुझे ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ा । लेकिन यह क्या जैसे ही ट्रेन प्लेटफार्म पर प्लेस लेने लगी, पूरे स्टेशन की बिजली गुल हो गई । अपनी – अपनी सीट तक पहुंचने के लिए यात्री बदहवास इधर – उधर भागने लगे । डिब्बे में पहुंच कर सबसे पहले मैने पानी चेक किया जो सही – सलामत मिला । लेकिन बेसिन में उफनता पानी देख मायूसी हुई । आस – पास का जायजा लेने पर तकरीबन सारे बेसिन इसी हालत में मिले । किसी – किसी में टूटी बोतलें पड़ी थी । ऐसे में एक और तकलीफदेह यात्रा का मुझे अंदाजा हो गया । ट्रेन का रूपांतरण एल एच बी कोच में हो जाने से सारी सुविधाएं अत्याधुनिक थी , लेकिन टॉयलट के भीतर कोई भी फ्लश काम नहीं कर रहा था । इस बीच ट्रेन भदोही में काफी देर रुकी रही तो मेरा माथा ठनका । पता लगा ट्रेन करीब आधे घंटे बिफोर है । यात्रियों का कहना था कि ७५ फीसद ट्रेनें चल ही नहीं रही हैं , इसी से गाड़ियों को लाइन क्लियर मिल रहा है । टूटे फ्लश और उफनते बेसिन के मद्देनजर मुझे लगा शायद किसी बड़े स्टेशन पर इसका संग्यान लिया जाएगा , आखिर कोरोना काल जो है । लेकिन मंजिल पर पहुंचने तक समस्या जस की तस कायम रही । हिजली पहुंचने में ट्रेन को करीब एक घंटे का विलंब हो गया । तिस पर आउटर पर ट्रेन करीब २५ मिनट प्लेटफॉर्म खाली होने का इंतजार ही करती रही । डिब्बों में यात्री और बाहर राहगीर अकुलाते रहे । मुझे लगा कि समस्या ज्यों की त्यों ही रहनी थी तो फिर ट्रेनों का ठहराव खड़गपुर ही क्या बुरा था । बहरहाल ट्रेन हिजली पहुंची और मैं यही सोचता हुआ डिब्बे से उतर कर घर की ओर चल पड़ा …!!
तारकेश कुमार ओझा
लेखक पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में रहते हैं और वरिष्ठ पत्रकार हैं।

matruadmin

Next Post

राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान के पश्चिम बंगाल ईकाई का भव्य उदघाटन

Sun Dec 6 , 2020
भारत की साहित्यिक राष्ट्रीय संस्था राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान का पश्चिम बंगाल ईकाई का उद्घाटन समारोह में संस्था के सभी सम्मानित पदाधिकारी उपस्थित हुए जिसमें राष्ट्रीय महासचिव रुपेश कुमार जी के द्वारा पूरी व्यवस्था की गई तथा उद्घाटन राष्ट्रीय अध्यक्ष सह संस्थापक नवलपाल प्रभाकर ‘दिनकर’ जी के कर कमलों द्वारा […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।