किसान

1 0
Read Time2 Minute, 12 Second

जब भोर में उसकी आंख खुले
तो हल लेके किसान चले
सूरज की किरणों से पहले
खेतों में किसान मिले।
देखे जब भी फसल को अपने
उसकी आँखों मे चमकार दिखे
मेहनत उसकी रंग लाए तब
मूछों पे उसके ताव दिखे।
धूप तपाए तो सह लेता
ठंड कंपाए तो रह लेता
अपने इन कुर्बानी पे क्या
इतना ना अभिमान करें।
सोना चांदी तब काम न आवे
जब भूखा इंसान हो
अन्न से अपना भूख मिटा कर
तब सोता वो इंसान है।
फसल जो उसका बिगड़ गया तो
रोता वो किसान है
रात को आंखों में बेचैनी
लेकर सोता वो किसान है।
कभी भूख मिटे कभी ना मिटे
फिर भी मेहनत वो करता है
उसकी मेहनत का उसे फल मिले
बस यही चाहता वो किसान है।
खेती ही उसका जीवन है
और खेती ही सम्मान है
जो लेवे उसका जीवन(खेती) तो
वो देता अपना बलिदान है।

चले
सूरज की किरणों से पहले
खेतों में किसान मिले।
देखे जब भी फसल को अपने
उसकी आँखों मे चमकार दिखे
मेहनत उसकी रंग लाए तब
मूछों पे उसके ताव दिखे।
धूप तपाए तो सह लेता
ठंड कंपाए तो रह लेता
अपने इन कुर्बानी पे क्या
इतना ना अभिमान करें।
सोना चांदी तब काम न आवे
जब भूखा इंसान हो
अन्न से अपना भूख मिटा कर
तब सोता वो इंसान है।
फसल जो उसका बिगड़ गया तो
रोता वो किसान है
रात को आंखों में बेचैनी
लेकर सोता वो किसान है।
कभी भूख मिटे कभी ना मिटे
फिर भी मेहनत वो करता है
उसकी मेहनत का उसे फल मिले
बस यही चाहता वो किसान है।
खेती ही उसका जीवन है
और खेती ही सम्मान है
जो लेवे उसका जीवन(खेती) तो
वो देता अपना बलिदान है।

#अनुष्का पटेल

matruadmin

Next Post

आलिंगन

Sat Sep 19 , 2020
पृथक् थी प्रकृति हमारी भिन्न था एक-दूसरे से श्रम ईंट के जैसी सख़्त थी वो और मैं था सीमेंट-सा नरम भूख थी उसको केवल भावों की मैं था जन्मों-से प्रेम का प्यासा जगत् बोले जाति-धर्म की बोली हम समझते थे प्यार की भाषा प्रेम अपार था हम दोनों में मगर […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।