पृथ्वी का सिंगार

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वृक्ष धरा के आभूषण हैं
जीवन के आधार सखे!
रोपावनी कराकर करना
पृथ्वी का सिंगार सखे!!

धरती का करते पोषण हैं
अमृत जल बरसा करके!
कोख कीयारी की भर जाती
रिमझिम बूंदें पाकर के!!

देते जल जंगम चेतन का
जीवन का आधार सखे !
रोपावनी कराकर करना
पृथ्वी का सिंगार सखे।।

कर्म बीज को सदा उगाएं
ज्ञान ध्यान के दाई हैं!
फैल सके ना धरा प्रदूषण
करते सदा सफाई हैं !!

लोभ में पड़ ना काटो इनको
रक्षा का लो भार सखे !
रोपावनी कराकर करना
पृथ्वी का सिंगार सखे !!

जिज्ञासु जन जीवन चाहे
तो जल संचय करना है !
बिना वृक्ष के जन गण मन में
बस उपहास ही भरना है !!

छरण न होगा धरती का
जब इनके संग करें प्यार सखे !
वृक्ष धरा के आभूषण हैं
जीवन का आधार सखे !!

#कमलेश विष्णु जिज्ञासु

परिचय-

परिचय
नाम:- कमलेश विष्णु सिंह
‘जिज्ञासु’
पिता:- स्वर० राम प्रसाद सिंह
मांता:- स्व० श्रीमती कौशल्या देवी
जन्म:- 6 जनवरी 1953
ग्राम:- गहमर
वर्तमान में:- प्रदेश अध्यक्ष
सर्वदलीय गौरक्षा मंच
(साहित्यिक सांस्कृतिक शाखा)
पुरस्कार:- उत्तर प्रदेश पत्रकार द्वारा ‘पूर्वांचल रत्न अलंकरण’
काशी दर्पण सम्मान,
पूर्वांचल गौरव सम्मान आदि
शिक्षा :-पोस्ट ग्रेजुएट बीएचयू (BHU)

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