महत्त्व

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भूत – भविष्य की चक्की में पिस रही ज़िन्दगी,
कौन समझता है- वर्तमान का महत्त्व
दुख – दर्द की कहानी बन जाए उपन्यास,
कौन समझता है – मुस्कान का महत्त्व
जमाने की खुशी हेतु जान दे दी उसने,
कौन समझता है यहां जान का महत्त्व,
पसीने की खुशबू से भी आती है बदबू
कौन समझता है- किसान का महत्त्व,
मुफ्त में मिली गीता सिसक रही कोने में,
कौन समझता है यहां ज्ञान का महत्त्व

ओह! मर गयी मानवता भौतिकता के पीछे,
कौन समझता है – ईमान का महत्त्व
‘सावन’! पावन है ज़िन्दगी जो मुफ्त में मिली,
कौन समझता है- जीवनदान का महत्त्व
स्नेह, सम्मान, सदाचार से सुसज्जित,
कौन समझता है- इंसान का महत्त्व,

मुफ्त में मिले महत्त्व का समझना महत्त्व,
कौन समझता है जी! महत्त्व का महत्त्व
उतना ही देना, हो जितना महत्त्व
कहीं घट न जाए जी! महत्त्व का महत्त्व

सुनील चौरसिया ‘सावन’

अरुणाचल प्रदेश

matruadmin

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न समझी का परिणाम

Tue Jul 21 , 2020
खेल खेलो ऐसा की समझ न आये। लूट जाये सब कुछ कोई समझ न पाए। कर्ताधर्ता कोई और है पर बदनाम निर्दोष हो जाये। और मार्ग चाल बाजों का आगे के लिए खुल जाये।। देश का परी दृश्य अब बदल रहा है। लोगो का ईमान अब बहुत गिर रहा है। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।