चाइना के विरोध में उतरे गुरव समाज के बच्चे, चाइनीज खिलौने नही खरीदने की अपील ।

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चीनी सैनिकों द्वारा गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर किए गए हमले का गुस्सा बालमन पर भी बड़ा गहरा पड़ा है। शहर के बच्चों ने मेड इन चाइना के खिलौनों का विरोध भी शुरू कर दिया है। बच्चों का कहना है कि जो देश हमारे सैनिकों पर बेवजह हमला करता है । उसके खिलौनों से अब हम नहीं खेलेंगे। हम अपने इंडियन खिलौनों से ही खेलेंगे।मीडिया प्रभारी हेमन्त मोराने ने बताया कि ऐसी ही एक अपील गुरव समाज की बालिकाओं जाह्नवी, माही व निष्ठा, तनय सुहानी, मानसी, ईशिका ने अपने हाथों में बोर्ड लेकर उस पर स्लोगन लिख कर चाइनीज टॉयज से ना खेलने की अपील की साथ ही चायना के कोई भी प्रोडक्ट उपयोग नही करने की बात कही। बालिकाओ ने कहा कि में चायना का कोई खिलौना नही खरीदूंगी न ही उनसे खेलूंगी। बच्चों का कहना है कि चीनी सैनिक नहीं मानेंगे तो हमारे देश के प्रधानमंत्री मोदी जी और भारतीय सेना उनके यहां घुसकर उनको जवाब देंगे। बालिका ने सोशल मीडिया फेसबुक व्हाट्सएप के जरिये भी वीडियो बना कर और बच्चों से भी अपील कि आप अपने घर में चाइनीस टॉयज लेकर नहीं आए। अपने देश में बने खिलौनों से ही खेलें। 

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।