आओ हम मिलकर योग करें।

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तुम योग करो वो योग करे हम योग करे सब योग करें
करें स्वस्थ कामना रहने की, आओ हम मिलकर योग करें।
खाने को घर में रहे नहीं फिर भी मुंह से कुछ कहें नही
सब पूजा दुआ कराते हैं पर फिर भी कुछ तो लहे नहीं
सरकार हमारी कहती है कि आओ नया प्रयोग करें
करें स्वस्थ कामना रहने की, आओ हम मिलकर योग करें।
कपड़े हो चाहे फटे रहे, पर सदा योग में डटें रहें
वो अच्छा करें बुरा चाहें उनके विरोध से हटे रहें
शासन जनता की रक्षक है जनता पर लट्ठ प्रयोग करें
करें स्वस्थ कामना रहने की, आओ हम मिलकर योग करें।
है धन्धा पड़ा सभी मंदा झूले किसान फांसी फन्दा
वो लाखों अत्याचार सहे, मुंह बन्द रखें फिर भी बन्दा
जिनका भी शासन है हम पर वो हमसे ही हठयोग करें
करें स्वस्थ कामना रहने की, आओ हम मिलकर योग करें।
कहते है कष्ट कटेंगे सब जीवाणु विषाणु मिटेंगे सब
बस योग ही योग करो देखो और रोग भी दूर हटेंगे सब
इस महाकाल के महासमर कोरोना सारा भोग करे
करें स्वस्थ कामना रहने की, आओ हम मिलकर योग करें।
इंसान भूख से मरता है वो योग कराते रहते हैं
एसी में रहने वाले सुन हम कितनी पीड़ा सहते हैं
हमें देखना भी तुम ना चाहो, हम मिलने का संयोग करें।
करें स्वस्थ कामना रहने की, आओ हम मिलकर योग करें।
भूखे, नंगे, बेकार यहाँ बस योग की बाते करते हो
हमको तो पता नहीं चलता तुम इसी देश मे रहते हो
नंगो को कपड़े देने का हम आज अभी से प्रयोग करें।
करें स्वस्थ कामना रहने की, आओ हम मिलकर योग करें।
घर की दरिद्रता भी देखो अनब्याही बेटी बैठी है।
और घर की अर्थव्यवस्था पर महंगाई नागिन ऐंठी है
सबको समृद्ध बना करके सबके श्रम का उपयोग करें
करें स्वस्थ कामना रहने की, आओ हम मिलकर योग करें।
सब ढोंग दिखावा है इनका कहते है सबसे योग करे
अपना तो योग रोज होता, खेतों में कुदाल प्रयोग करें
अंदर से खोखले हो गये हैं बस विश्वगुरु का ढोंग करें
करें स्वस्थ कामना रहने की, आओ हम मिलकर योग करें।
बेरोजगार की आस ही क्या जीविकोपार्जन हो उसका
नित एसी गाड़ी मे घूमें, बोलो वो पैसा है किसका
‘एहसास’ हो गया अब हमको बनकर फकीर हम जोग करें’
करें स्वस्थ कामना रहने की, आओ हम मिलकर योग करें।

अजय एहसास
अम्बेडकर नगर (उ०प्र०)

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