कल सोशल मीडिया पर आयोजित आनलाइन पुस्तक लोकार्पण व सम्मान समारोह मेंदेश विदेश के169 रचनाकारों के साथ साथ शिक्षक संपादक व साहित्यकार शशांक मिश्र भारती को स्वच्छ भारत निर्माण परिषद जयपुर द्वारा सेवा योद्धा ,आईसीटीएम मीडिया समूह हरियाणा द्वारा कोरोना योद्धा ,ज्ञानोदय साहित्य संस्था कर्नाटक द्वारा ज्ञानोदय प्रतिभा सम्मान 2020 व सृजनांश प्रकाशन झारखण्ड द्वारा सृजन श्री सम्मान कोविड.19 महामारी के संकट के मध्य सेवा का उच्चमानदंड स्थापित करने,पुलिसप्रशासन का सहयोग आमजन की सुरक्षा एवं जरूर व्यवस्था में सहयोग,जनजागरूकता फैलाने के उद्देश्य से सृजन करने व हिन्दी साहित्य में उत्कृष्ट योगदान के लिए दिये गये।
आयोजन का आरम्भ मंच संचालक डा. वसुधा कामत गिंडे के द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ।प्रासंगिक उद्बोधन अध्यक्ष ज्ञानोदय साहित्य संस्था कर्नाटक व संपादक आया कोरोना मत डरो ना काव्यसंकलन ने किया।प्रा. मनीषा नाइगौड़ के स्वागत भाषण के बाद अतिथियों ने संकलन का लोकार्पण कर सम्मान दिये मुख्य अतिथि के रूप में श्री पवन कुमार राठौड़व श्री भगवतगौड़ दिवराला तथा विशिष्ट अतिथि के रूप मेंश्रीमती पायल बंदी राहा ने उपस्थित उद्बोधन से आयोजन की गरिमा बढ़ायी।धन्यवाद श्री राजू महिपति ने व्यक्त किया ।इस सम्मान आयोजन में लगभग पूरे देश से संकलित रचनाकारों व विदेशों से संकलित रचनाकारों ने लगातार उपस्थिति दर्जकर उत्साह वर्धन किया।
चौदह जून को इस सम्मान से पहले शहीदों की नगरी उत्तर प्रदेश शाहजहापुर के बड़ागांव निवासी श्री मिश्र को देश भर से एक सौ के लगभग सम्मान मिल चुके हैं ।अनेक राष्ट्रीय अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के आयोजनों में कविता पाठ पत्र शोधपत्र वाचन किया है ।१९९७ में प्रतापशोभा त्रैमासिक के बालसाहित्यांक के अतिथि संपादन के अलावा हमबच्चे, पर्यावरण की कविताएं, बिना विचारे का फल, क्यों बोलते हैं बच्चे झूठ, मुखिया का चुनाव , माध्यमिक शिक्षा और मैं ,स्कूल का दादा ,आओ मिलकर गाएं, भ्रष्टाचार ही राजधर्म है, मेरी भी सुनों आदि पुस्तकें छप चुकी हैं ।मुखिया का चुनाव उड़िया में भी आचुकी हैं ।कन्नड़ तेलुगु संथाली में कुछ रचनाओं का अनुवाद हुआ है । वर्तमान में यह उत्तराखण्ड के राजकीय इण्टर कालेज में प्रवक्ता संस्कृत के पद पर कार्यरत हैं और वहीं से अपनी साहित्य साधना में लगे हैं।देवसुधा पत्रिका का विशेषांक रूप में संपादन करते हैं।
इनको मिलने पर सम्मान कैप्टन एलडी तिवारी आर एस राजपूत कमल किशोर देव कलौनी राजेश पाण्डेय एचसी पाठक आरपी सिंह संपादक कश्मीर टाइम्स,भोजपुरी राज्य संदेश रोहित शुक्ल संदीप कुमार एड0 किशोर जोशी ओलिवा सोफिया केल्विन विश्वभोजपुरी पुर्नजागरण मंच आदि अनेक साहित्यकारों शिक्षकों समाज सेवियों आदि ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शुभकामनाएं दी है ।
#कु. एकांशी शिखा
जाते जाते कुछ कह गए सुशांत, सुशांत होकर करा अपने को शान्त। था तनाव में करी क्यो खुद कशी, मन में नहीं थी शायद कोई खुशी। दुख है हमे तुम अपने शौक पूरे न कर पाए। अपनी आखरी मंजिल तक न पहुंच पाए।। सूना सूना सा लगता हैं ये सारा […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।