वैसे तनाव किसी भी समस्या का समाधान नहीं है। भले ही वह कोरोना महामारी ही क्यों न हो? सत्य तो यह भी है कि चुनौतियों से भाग पाना संभव नहीं है। जबकि चुनौतियों का उचित समाधान है कि अपनी जीवनशैली को सुदृढ़ बनाया जाए। अपने मनोबल को इतना ऊंचा किया जाए ताकि तनाव उत्पन्न ही न हो सके।
सर्वविदित है कि कोरोना महामारी के चलते जीवनशैली को तनावमुक्त बनाना वर्तमान समय में एक भयंकर चुनौती है। जिससे निपटने का हल प्रत्येक व्यक्ति के लिए अति आवश्यक एवं अनिवार्य है।
मनोवैज्ञानिक भी अपने तनावग्रस्त रोगी को सर्वप्रथम यही शिक्षा देते हैं। वह अपने रोगी का साहस बढ़ाने का भरसक प्रयास करते हैं। वह स्पष्ट कहते हैं कि अपनी जीवनशैली और अपने चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा प्रवाहित करने का प्रयास करें। नकारात्मकता को मन में उपजने न दें। नकारात्मक माहौल से बचें। अर्थात मन-मस्तिष्क पर कोरोना को हावी न होने दें। आवश्यकता से अधिक समाचार भी न देखें/पढ़ें।
अपने-आपको कोरोनामुक्त रोगियों की संख्या, घरेलू कार्य, कारोबार की बढ़ोतरी, पारिवारिक जीवन की सार्थकता, सुखद लेखनकला, राष्ट्रभक्ति एवं राष्ट्रनिर्माण के सुनहरे भविष्य के सपनों में खोनें से तनावमुक्त व जीवनशैली सुखद होना तय है।
सागर से भी गहरा है, हमारा रिश्ता। आसमान से भी ऊंचा है, हमारा रिश्ता। दुआ करता हूँ ईश्वर से की। ऐसा ही बना रहे हमारा रिश्ता।। देखे बिना जान लेता हूँ। बोले बिना ही तुम्हे, पहचान लेता हूँ। रूह का रूह से जो है, हमारा रिश्ता। इसलिए तो हर आहट, […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।