
भाई बहिन के रिश्ते का।
किस्सा है बहुत पुराना,
किस्सा है बहुत पुराना।
पांचाली और कृष्ण का।
रिश्ता था निराला,
रिश्ता था निराला।।
जो देखा संसार ने,
चीर हरण के दिन।
बहिना के याद करने पर,
आये कृष्ण वहां पर।
और किया ऐसा चमत्कार,
कि देखता रह गया संसार।
भाई बहिन का प्यार है,
निराला निराला।
इसे जाने क्या कोई दुष्ट।।
भाई बहिन के रिश्ते का।
किस्सा है बहुत पुराना,
किस्सा है बहुत पुराना।।
जब जब याद करे भैया,
आती है बहिना।
अपने रिश्ते की लाज,
रखती है बहिना।
कोई अधर्मी क्या जाने,
ये कैसा रिश्ता है।
भाई बहिन का ये बड़ा,
अनोखा रिश्ता,
अनोखा रिश्ता है।।
संजय इसे लिख रहा,
सब बहिनों के लिए।
ओह ओह………..।
भाई बहिन के रिश्ते का।
किस्सा है बहुत पुराना,
किस्सा है बहुत पुराना।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।00