लिखता हूँ बार बार मिटा देता हूँ मै

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चारो तरफ है सन्नाटा ,अब क्या किया जाये ,
दिल बहलाने के लिये, अब कुछ लिखा जाये |
भेज दू क्या मै जो लिखता हूँ,मै तुम्हारे लिये ,
जिससे दिल की बाते,दिल को सुना दिया जाये |\

लिखता हूँ बार बार उसको मिटा देता हूँ मै,
हिम्मत नहीं होती है उसको बता दू मै |
पता नहीं ये दिल,कमजोर हो गया है क्यों ,
दिल से दिल के बाते कहता नहीं क्यों मै ||

पास होती तो लिखने की जरूरत पडती नहीं,
कलम कागज स्याही की जरूरत पडती नहीं |
कह लेता दिल की बाते,अपनी आँखों से तुमको ,
जब आँखे मिल जाती,कोई जरूरत पड़ती नहीं ||

ये हवाये भी बदचलन है पहले जैसी चलती नहीं ,
ये भी रूख बदल देती है हमारी बाते कहती नहीं, |
चलो इन हवाओं को रूख मोड़ दे और बाते करे ,
मौसम बदल चूका है,प्यार की बाते होती नहीं ||

तुम्हारे पास गंगा मेरे पास यमुना बह रही है अब ,
उनकी लहरों व बहाव के जरिये बाते करगे है अब |
दिल की किश्ती बनाकर, अरमान लिखते है अब ,
पकड़ लिया करो किश्ती पढेगे दिल की बाते है अब ||

चलो छोड़े ये पुरानी बाते,नई टेकनिक आ गई है अब ,
कागज कलम कासिद स्याही की जरूरत नहीं है अब |
ले लेते है एक अच्छा सा मोबाइल दोनों अब हम
उँगलियाँ ही चला कर दिल की बाते करेगे अब हम ||

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।