मुलाकात भाग-5

0 0
Read Time4 Minute, 20 Second
omprakash lovanshi
वैसे मिलने का मन तो रोज करता है लेकिन हमारी मुलाकात अधिकतर वीक एंड पर ही संभव होती थी। हर बार की तरह वहीं KST के किनारे पर मुलाकात हुई।
कुछ देर तक दो चार बातें हुई। पता नहीं क्यों आज वो ज्यादा ही खुश नजर आ रही थी,येलो सूट उस पर खूब जन्च रहा था । मै उसके हाथ में हाथ और नजरों में नजरें डालें बात कर रहा था ,मैंने कहा कहीं और दूसरी जगह चले घूमने। उसने कहा – हाँ,चलो पर चलना कहाँ है?  यह तो बताओ। अच्छा तुम अदरक,पुदीने की स्पेशल चाय पिला रहे थे ना उसने कहा। अरे हाँ वह तो मेरी फेवरेट है , चलो फिर अभी पिला देते हैं। लगता है वो पागल चश्मिस भी चाय की ज्यादा ही शौकीन थी या फिर मेरे हाथ से बनी चाय पीना था। वह मेरे साथ बाइक पर बैठ गई और मैंने बाइक स्टार्ट की और  रूम कि ओर बढ़ना शुरू किया। हमने रास्ते में रतलामी नमकीन वाले से नमकीन पैक करवाए, बातें करते हुए रूम पर पहुँच गए। जैसे ही उसने अंदर प्रवेश किया ,हाउ स्वीट यार ,गुलाब के फूलों को निहारने लग गई,मैंने गार्डन में दो कुर्सियां लगा दी और कहा आओ बैठो! मेरा मन नहीं कर रहा बैठने का मैं तो सेल्फी लूंगी ,आप चाय बनाओ ।मैंने कहा -अंदर आओ मैं तुम्हें भी स्पेशल चाय बनाना सिखाता हूँ।उसने गुलाब का फूल लिया ,हमने बातें करते हुए चाय बनाना शुरू किया । मैंने गैस चूल्हे को बिल्कुल कम करके उसके साथ तुलसी और पुदीने की पत्तियां लेने बाहर गया! मैंने तुलसी और पुदीने की दो -दो पत्तियां डाली और थोड़ा सा अदरक । फिर हम बाहर गार्डन में लगी कुर्सियों पर आमने -सामने बैठ गए, मेज पर रखी नमकीन के साथ मीठी-मीठी बातें शुरू हुईं कुछ देर में चाय तैयार हो गई! मैं चाय लेकर आया ,चाय की चुस्की के साथ रोमांस बढ़ता जा रहा था। आँखें -आँखों की बातें समझने लगी थी ।गुलाब की खुशबू में अदरक पुदीने की चाय की खुशबू घुलकर इश्क में बदल रही थी ।आज तो मैं तुम्हारी चाय की फैन हो गई , बड़े रेस्टोरेंट की चाय भी फीकी है यार तुम्हारी चाय के सामने उसने कहा! शुक्रिया डियर, मेरी चाय में इश्क, महोब्बत की खुशबू घुली है मैंने कहा ।अकेले कैसे रहते हो इतनी बड़ी जगह में ,मैंने कहा -तुम्हारी यादों के सहारे! गार्डन में फूलों के बीच हम रोमांटिक मूड में हो रहे थे दिल तो कर रहा था लिप लॉक किस करूं लेकिन दिल थाम रखा था फिर भी  लिप और गालों पर तो kiss किया ही। मैंने कहा -जानू अंदर चले उसने मेरी तरफ घूर कर देखा  लेकिन बिना कुछ कहे अन्दर आ गयी,मैने उसे हग किया तो वह दीवार के सहारे खड़ी हो गयी ! मैंने पूछा, गुस्सा हो क्या? उसने कुछ नहीं कहा बस मेरी नजरों मे नजरें डालें खड़ी रहीं !
नाम- ओम प्रकाश लववंशी
साहित्यिक उपनाम- ‘संगम’
राज्य- राजस्थान 
शहर- कोटा 
शिक्षा-  बी.एस. टी. सी. , REET 2015/2018, CTET, RSCIT, M. A. हिन्दी , B. Ed. 
कार्यक्षेत्र- अध्ययन, लेखन, 
विधा -मुक्तक, कविता , कहानी , गजल, लेख, निबंध, डायरी 
प्रकाशित रचना -( , चर्मण्यवती पत्रिका, कोटा मे
1. टोपा-टॉपर -लेपटॉप 
2. मैं हूँ नन्हा सा परिन्दा 
3. माँ चर्मण्यवती

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

नया साल

Sat Dec 29 , 2018
तेरे  आने के  इंतज़ार में बिताये हमने  हैं कई साल कैलंडर तो हम  बदलते रहे  पर मनाया न कभी नया साल गुजर गए फिर  बारह महीने पर सुखा न आसुंओ का सेलाब अब सजदा भी करूँ  कैसे जब तेरे इश्क में हुए हम कंगाल  दिल में सहेज कर  बैठे है  तेरे वादों की  किताब को आज भी जी रहे हम […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।