मिलन ऋतु

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महावर लगाओ मिलन ऋतु आ रही
मेहंदी रचाओ, मिलन ऋतु आ रही।

चूड़ियां,कंगन चंद्रहार लाओ,
सिर बोर सजाओ,
मिन ऋतु आ रही।

पावं बोलेंगे तब रुनझुन – रुनझुन,
पायल पहनाओ ,
मिलन ऋतु आ रही।

सुवासित सुमन वेणी संग गुथाओ,
लट को सुलझाओ,
मिलन ऋतु आ रही।

सास ननंदिया संदेसा भिजाओ

मिलन ऋतु आ रही।

चेहरा लाज से हुआ लाल गुलाब,
मिलन ऋतु आ रही।

नथनी हौले से अधर छू कह रही,
सुर्खी तो लगाओ,मिलन ऋतु आ रही।

#डा. चंद्रा सायता
    इंदौर(मध्यप्रदेश)

परिचय-
नाम:- डॉ चन्द्रा सायता

जन्मस्थान:-  सख्खर सिंध(अखंड भारत वर्तमान पाकिस्तान)

शिक्षा:- स्नातकोत्तर ( समाजशास्त्र, हिंदी साहित्य तथा अंग्रेजी साहित्य), विधि स्नातक,पीएचडी.डी( अनुवाद प्रक्रिया

:-एक शास्त्रीय अध्ययन)

सेवाऐं:-प्राध्यापक, अन्वेषक(गृह मंत्रालय, भारत सरकार ंका जनगणना विभाग) तथा सहायक निदेशक ( राज भाषा) 

प्रकाशन:-काव्य संग्रह (परिचय, कलरव,मन की रेखाएं)

              लघु कथा संग्रह ( गिरहें)

               काव्य संकलन( ज्योतिका,काव्य सुरभि, यशधारा

               लघु कथा सप्तक, आदि ।

                 पत्र – पत्रिकापत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन

पुरस्कार/सम्मान:-भारतीय अनुवाद परिषद ,नई दिल्ली

                       से ‘नातालि’सम्मानतथा अन्य स्थानीय राज.                          राज्यस्तरीय तथा राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं                          से सम्मान ।

लेखन विधाएं:- काव्य, लघु कथा, आलेख, अनुवाद (अं-हि.  ,हिंदी. अंतिम)विदेश भ्रमण:– अमेरिका, ब्रिटेन, दुबई, थाई्लेडं, पाकिस्तानरूस नेपाल आदि।
दिस,2019 में प्रकाशित मेरा लघुकथा संग्रह  ‘ माटी कहे कुम्हार से’

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।