‘वन्दे मातरम्’ यहां का गौरव

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surendr sinh
तुम तो समझते हमको दुश्मन,हम तो समझें तुमको मीत।
तुम तो पालते हमसे नफरत,हम तो रखते तुमसे प्रीत।।

क्यों नहीं गा सकते हो इसको,किसका है ये गीत।
न तेरा है न मेरा है,ये राष्ट्र का है गीत।।

वन्दे मातरम् यहां का गौरव,फैलाते हम विश्व शान्ति।
लगता तुझको घर्म विरोधी,ये है तेरी व्यर्थ भ्रान्ति।।

वक्त अभी है समझ ले प्यारे,नहीं बहुत पछताएगा।
यदि हम छेड़ देंगे कोई क्रान्ति,झेल नहीं पाएगा।।

नहीं गा सकता है तो, तत्पर छोड़ दे हिन्दुस्तान को।
बहुत हो गया तेरा ड्रामा,कर ले बन्द दुकान को।।

जान भी दे सकते हैं,और जान भी ले सकते हैं हम।
लेकिन नहीं सह सकते हम राष्ट्र के अपनाम को।।

भारत की है शान तिरंगा,तुमने यहां जलाया है।
दुश्मन पाकिस्तान का झंडा कई बार फहराया है।।

राजनीति के गलियारों में जो ख़ामोशी छाई है।
उसी खामोशी के कारण तुमने उपद्रव मचाया है।।

खामोश हैं दल्ले वोटों के,पर हम हैं भारत मां के पूत।
जो सम्मान गिराए मां का, उसको हम मारेंगे जूत।।

हिन्दुस्तान में रहना है तो वन्दे मातरम् कहना है।
नहीं कहेगा उसको, हम नजर आएगे यम के दूत

                                                                               #सुरेन्द्र सिंह राजावत

परिचय : सुरेन्द्र सिंह राजावत राजस्थान के बयाना में रहते हैं। आप भारतीय सेना में कार्यरत हैं। आपको लिखने का शौक है तथा देशभक्ति पर अधिक कलम चलाते हैं,ताकि सबको देशप्रेम की प्रेरणा मिलती रहे।

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।