सुभाष का स्वराज

0 0
Read Time2 Minute, 2 Second

वो क्रांति वीर जलता रहा
अंधेरों से लड़ता रहा।
ले स्वराज का दीपक
गांधी जी के संग चलता रहा।
पर प्रण लिया कठोर
अधिकार हमको चाहिए,
भीख नही हमको स्वराज ही चाहिए।

तुम मुझे खून दो
मैं तुम्हे आजादी दूंगा,
जकड़ी है जंजीरों में हमारी मां
भारती को मैं मुक्त करूँगा।

व्यर्थ तेरी जवानी जिसमे न तनिक रवानी है।
आ सके देश के काम नही
वो खून नही पानी है।
हुआ तुलादान जब नेता जी का
बढ़चढ़ कर लोग आते थे
गहने जेवर मांग टीका
भारत माँ पर चढ़ाते थे।

ले अटल इरादे नेता जी शस्त्र उठा संकल्प लिया
हिन्द नर नारी से आजाद हिंद का जन्म हुआ।

जो जन्म लिया भारत मे मां
तेरा कर्ज चुकाऊंगा
खून मांगता हूं मैं तुमसे
आज़ाद वतन कर जाऊंगा।

है नमन सुभाष तेरे चरणों मे
श्रध्दा सुमन अर्पण है
तेरे सपनो का भारत आज फिर
कहीं दफन है।

मानवता है सार सार सेना पर पत्थर चलते हैं।
जिसने बचाया बाढ़ से उस पर ताने कसते हैं।।

है जरूरत सुभाष भारत माँ तुझे पुकार रही
करो स्वतन्त्र हैवानों से माता यही विलाप रही।

कहीं निर्भया कहीं मानवी नोचे
खसोटे जाते हैं।
मानवता को रौंदते लोग
इंसानियत को शर्माते हैं।

आज वक्त है युवा मेरे
अब तुम गमन प्रस्थान लिखो
देश के स्वाभिमान के लिए रण
जा के सन्धान करो
जागो उठो शपथ तुम्हे
नव युग का निर्माण करो
तुम नव युग का निर्माण करो।

#अविनाश तिवारी
अमोरा जांजगीर चाम्पा

matruadmin

Next Post

कवि-लेखकों व पत्रकारों का सम्मान समारोह सम्पन्न

Sat Jan 25 , 2020
आगरा | यूथ हॉस्टल (आगरा) के सभागार में बृजलोक साहित्य, कला, संस्कृति अकादमी व विश्वशांति मानव सेवा समिति के संयुक्त बैनर तले एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया | जिसमें साहित्य, कला, समाज सेवा, पत्रकारिता जगत की प्रतिष्ठित विभूतियों को सम्मानित किया गया | कार्यक्रम में जनपद के महापौर […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।