
वो क्रांति वीर जलता रहा
अंधेरों से लड़ता रहा।
ले स्वराज का दीपक
गांधी जी के संग चलता रहा।
पर प्रण लिया कठोर
अधिकार हमको चाहिए,
भीख नही हमको स्वराज ही चाहिए।
तुम मुझे खून दो
मैं तुम्हे आजादी दूंगा,
जकड़ी है जंजीरों में हमारी मां
भारती को मैं मुक्त करूँगा।
व्यर्थ तेरी जवानी जिसमे न तनिक रवानी है।
आ सके देश के काम नही
वो खून नही पानी है।
हुआ तुलादान जब नेता जी का
बढ़चढ़ कर लोग आते थे
गहने जेवर मांग टीका
भारत माँ पर चढ़ाते थे।
ले अटल इरादे नेता जी शस्त्र उठा संकल्प लिया
हिन्द नर नारी से आजाद हिंद का जन्म हुआ।
जो जन्म लिया भारत मे मां
तेरा कर्ज चुकाऊंगा
खून मांगता हूं मैं तुमसे
आज़ाद वतन कर जाऊंगा।
है नमन सुभाष तेरे चरणों मे
श्रध्दा सुमन अर्पण है
तेरे सपनो का भारत आज फिर
कहीं दफन है।
मानवता है सार सार सेना पर पत्थर चलते हैं।
जिसने बचाया बाढ़ से उस पर ताने कसते हैं।।
है जरूरत सुभाष भारत माँ तुझे पुकार रही
करो स्वतन्त्र हैवानों से माता यही विलाप रही।
कहीं निर्भया कहीं मानवी नोचे
खसोटे जाते हैं।
मानवता को रौंदते लोग
इंसानियत को शर्माते हैं।
आज वक्त है युवा मेरे
अब तुम गमन प्रस्थान लिखो
देश के स्वाभिमान के लिए रण
जा के सन्धान करो
जागो उठो शपथ तुम्हे
नव युग का निर्माण करो
तुम नव युग का निर्माण करो।
#अविनाश तिवारी
अमोरा जांजगीर चाम्पा