एक तस्वीर…

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स्त्री का एक भी पल स्वयं का नहीं है ,
स्त्री जिसका कुछ भी नहीं है अपने लिए,
हमेशा सब कुछ किया जिसने सबके लिए,
जैसे पूरा आकाश मिल जाता है,
जब स्त्री को मातृत्व का सुख मिल जाता है,
उसका एकांत क्षण नहीं होता अपने लिए,
स्त्री जब मां बनती है,
न जाने कितने सपने बुनती है,
सब कुछ लुटा देती है औलाद पर,
अपना प्यार,अपना आज और कल,
अपने जीवन का हर क्षण हर पल
कहां से लाती है इतना त्याग,
इतना प्रेम इतना समर्पण,
क्या कुछ नहीं गुजरता है उस पर,
जब वह होती है उदास,
नहीं होता जब कोई उसके पास,
सुनने को उसकी तकलीफें उसकी ख्वाहिश,
बहुत कुछ दब जाता है, किसी कोने में,
जो नहीं दिखता उसे भी,
जो रहता है उसके सबसे करीब,
आखिर क्या मिलता है उसे स्त्री होकर
कितना कुछ पाना चाहती हैं वो आंखें
जो हमेशा दूसरों के लिए सपने देखतीं हैं,
सचिन राणा “हीरो”
हरिद्वार उत्तराखंड

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।