
मैं जी रहा हूँ
एक आस लेकर
मैं जी रहा हूँ
एक प्यास लेकर
मेरी आँखों की
ज्योति हो तुम
मेरे हृदय की
धड़कन हो तुम
तुम आ जाओ
मधुमास लेकर
तुम आ जाओ
जीवन सांस लेकर
तुम देख लो आकर
जिंदगी जी रहा हूँ
कतरा – कतरा
तुम भी महसूस करो
मेरी टूटती साँसें
हृदय की रुकती गति
सच मानो –
बँधें हैं प्राण मेरे
तुम्हारी जुल्फों में
मत उड़ाना हवा में
उड़ जायेंगे हवा में
मेरा हंसता-रोता चेहरा
लेलेगा एक अजीब सी आकृति
क्या तुम उसे देख पाओगी?
बताओ क्या देख पाओगी!
वो हृदय विदारक दृश्य सह पाओगी…
#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl