प्यार हो सम्मान हो,
और दिलों में मान हो..
संस्कार दिल में रहे,
रंग रुप साथ हो।
रुप रंग तब खिला,
आज पिया जब मिला..
दिल की ये चाहत है,
यूं हाथों में हाथ हो।
प्यार हो इकरार हो,
न कभी तकरार हो..
मन से मन जो जुड़े,
बिन बोले बात हो।
संग जो सजन रहे,
न कोई शिकवे रहे..
प्यार की बस बात हो,
न खतम रात हो।।
#संगीता शर्मा
परिचय : संगीता शर्मा मूलतः शाहगंज आगरा में रहती हैं।आप लेखन में पूरी तरह सक्रिय हैं,इसलिए लघुकथा ही नहीं,कहानी,कविता,गीत,ग़ज़ल,छंद,मुक्तक आदि में अपनी भावनाएँ दर्शाती रहती हैं। सम्मान के रुप में आपको मुक्तक मणि,सतकबीर और मानस मणि से प्रशंसित किया गया है। आपकी दो रचनाओं (‘प्यार की तलाश’-कहानी तथा ‘धूप-सी जिंदगी’-कविता) को भी सम्मान मिला है। हिन्दी के साथ ही पंजाबी में भी आपकी लघुकथाएँ प्रकाशित हुई हैं।
Important of love….very good