जनता के राष्ट्रपति भारत रत्न अब्दुल कलाम की यादों का गुलदस्ता

1 0
Read Time9 Minute, 5 Second

15 अक्टूबर(जन्मदिवस)

 मिसाइल मेन देश के प्रसिद्ध अभियन्ता व भारत के पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम साहब का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को धनुष कौड़ी ग्राम  रामेश्वरम तमिलनाडु में हुआ था।वे एक मध्यमवर्गीय मुस्लिम परिवार में जन्मे थे। इनके पिताजी मछुआरों को नाव किराये पर देने का काम करते थे। इनके पिता का नाम जैनुलाब्दीन अधिक पढ़े लिखे नही थे। अब्दुल कलाम सयुंक्त परिवार में रहते थे। संयुक्त परिवार में सदस्य कितने थे इसका अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि कलाम  साहब के पांच भाई व पांच बहने थी घर मे तीन परिवार रहा करते थे। अब्दुल कलाम पर इनके पिताजी का बहुत प्रभाव पड़ा। वे चाहे पढ़े लिखे नहीं थे लेकिन उनके दिए संस्कार उनके काम आए।पांच वर्ष की आयु में कलाम को रामेश्वरम की पंचायत के प्राथमिक विद्यालय में भर्ती कराया गया।उनके शिक्षक सोलोमन ने उनसे कहा था कि सफलता तथा अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए तीव्र  इच्छा आस्था अपेक्षा इन तीन शक्तियों को भलीभांति समझ लेना और उन पर प्रभुतव स्थापित करना चाहिए  बचपन मे उनके शिक्षक पक्षी के उड़ने के तरीके सीखा रहे थे इन्ही पक्षियों को देखकर कलाम ने  तय कर लिया था कि उनको भविष्य में विमान विज्ञान में ही जाना है। वे गणित की ट्यूशन सुबह चार बजे पड़ने जाते थे।अब्दुल कलाम ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए अखबार वितरित करने  का काम भी किया था।

1950 में इन्होंन अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि मद्रास इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से प्राप्त की। बाद में हावर क्राफ्ट योजना में काम करने हेतु भारतीय रक्षा अनुसंधान एवम विकास संस्थान में प्रवेश किया।
1962 में उन्होंने कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजना में काम किया। परियोजना निदेशक के रूप में भारत के प्रथम उपग्रह प्रक्षेपण यान एस एल वी 3 के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जुलाई 1982 में रोहिणी को अंतरिक्ष मे प्रक्षेपित किया गया ये कलाम साहब की देन है।इसरो लॉन्च व्हीकल प्रोग्राम को परवान चढ़ाने का श्रेय इन्ही को जाता है स्वदेशी लक्ष्यभेदी प्रक्षेपात्र गाइडेड मिसाइल्स को इन्होंने ही डिजाइन किया था।
कलाम जुलाई 1992 से दिसम्बर 1999 तक रक्षा मंत्री के विज्ञान सलाहकार तथा सुरक्षा शोध और विकास विभाग के सचिव रहे। पोखरण में परमाणु परीक्षण परमाणु ऊर्जा के साथ मिलाकर किया। इस प्रकार भारत ने परमाणु हथियार के निर्माण की क्षमता प्राप्त करने में सफलता मिली।
कलाम ने भारत के विकास स्तर को 2020 तक विज्ञान के क्षेत्र में अत्याधुनिक करने के लिए एक विशिष्ट सोच प्रदान की जिसे विजन 2020 नाम दिया।
आज भारत परमाणु शक्ति सम्पन्न राष्ट्र है ये कलाम की देन है। 18 जुलाई 2002 को कलाम को नब्बे फीसदी बहुमत से भारत का राष्ट्रपति चुना गया था। 25 जुलाई 2002 को संसद भवन के अशोक कक्ष में राष्ट्रपति पद की शपथ ली। इस समारोह में अटल बिहारी वाजपेयी मौजूद थे। ये 25 जुलाई 2007 तक राष्ट्रपति रहे।
अनुशासन प्रिय जनता के राष्ट्रपति के रूप में कलाम की अलग ही पहचान थी।
इन्होंने अपनी जीवनी विंग्स ऑफ फायर कृति भारत के युवाओं के मार्गदर्शन हेतु लिखी। इनकी दूसरी कृति गाइडिंग सोल्स डायलाग्स ऑफ द पर्पज ऑफ लाइफ में उनके आत्मिक विचार लिखे हैं। दक्षिणी कोरिया में इनकी कृति को बहुत पसंद किया गया।
कलाम कहते थे कि यदि आप देश का विकास चाहते है तो देश मे शांति की स्थिति होना आवश्यक है। और शांति की स्थापना शक्ति से होती है। इसलिए प्रक्षेपास्त्रों को विकसित किया गया ताकि देश शक्ति सम्पन्न हो। राष्ट्रपति बनने के बाद कलाम ने भारत की कल्याण सम्बन्धी नीतियों के कारण कलाम राजनीतिक दृष्टि से सम्पन्न रहे। इन्होंने इंडिया 2020 कृति में अपना विजन लिखा है। वे भारत को अंतरिक्ष विज्ञान में सम्पूर्ण विश्व का सिरमौर देश बनाना चाहते थे। जिसके लिए उन्होंने कार्य योजना तैयार की थी।परमाणु हथियारों के क्षेत्र में वह भारत को सुपर पावर बनाना चाहते थे विज्ञान के अन्य क्षेत्रों में तकनीकी विकास करना चाहते थे। सूचना तकनीकी का विकास कैसे बढ़े इस पर उन्होंने विचार किया था।
कलाम ने तमिल भाषा मे कविताएं लिखी।वाद्य यंत्र बजाने के वे शौकीन थे। कर्नाटक भक्ति संगीत वे रोज सुनते थे। हिदू संस्कृति में उनका गहरा विश्वास था। इन्हें 2003 व 2006 में एम टी वी यूथ आइकन ऑफ द ईयर के लिए नामांकित किया गया था।
2011 में इनके ऊपर बनी फिल्म आई एम कलाम बनी।
कलाम के जन्म दिन को हम सभी विश्व विद्यार्थी दिवस के रूप में मनाते हैं।
1981में कलाम को पदम् भूषण मिला।1990 में पदम् विभूषण से सम्मनित किये गए।1997 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया जो उन्हें वैज्ञानिक अनुसंधानों और देश मे तकनीकी विकास में अभूतपूर्व योगदान हेतु प्रदान किया गया 2014 में डॉक्टर ऑफ साइंस सम्माम एडिनबर्ग से मिला।2012 में डॉक्टर ऑफ लॉज समनं साइमन फेजर यूनिवर्सिटी ने दिया। इस प्रकार देश विदेश से कलाम साहब कितनी ही बार सम्मानित हुए।
वे कहते थे कि सबसे उत्तम कार्य क्या होता है किसी इंसान के दिल को खुश करना किसी भूखे को खाना देना जरूरतमन्दों की मदद करना किसी दुखियारे का दुख हल्का करना और किसी घायल की सेवा करना। यही जीने का मकसद होना चाहिए।

#राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’

परिचय: राजेश कुमार शर्मा ‘पुरोहित’ की जन्मतिथि-५ अगस्त १९७० तथा जन्म स्थान-ओसाव(जिला झालावाड़) है। आप राज्य राजस्थान के भवानीमंडी शहर में रहते हैं। हिन्दी में स्नातकोत्तर किया है और पेशे से शिक्षक(सूलिया)हैं। विधा-गद्य व पद्य दोनों ही है। प्रकाशन में काव्य संकलन आपके नाम है तो,करीब ५० से अधिक साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आपको सम्मानित किया जा चुका है। अन्य उपलब्धियों में नशा मुक्ति,जीवदया, पशु कल्याण पखवाड़ों का आयोजन, शाकाहार का प्रचार करने के साथ ही सैकड़ों लोगों को नशामुक्त किया है। आपकी कलम का उद्देश्य-देशसेवा,समाज सुधार तथा सरकारी योजनाओं का प्रचार करना है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

ये तो प्रेम की बात है…

Mon Oct 14 , 2019
अक्सर आध्यात्मिक गलियारों में ये गीत गुनगुनाया जाता है । बड़े विश्वास और ईश्वरीय अनुराग की अनुभूति से जब मानव मन गुज़रता है ,तो ये पंक्तियां अपना अर्थ खोल देती हैं। गोपियों के प्रेम ,समर्पण की पराकाष्ठा को समेटे ये गीत उनकी मन: स्थिति की ,भावों को उजागर करता है। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।