जीवन चक्र के प्रस्फुटन के प्रमाण
हुए हैं चिन्हित पृथ्वीमंडल के शैलखंड पर
धरा पर अस्तित्व का हस्तलेख
अंकित है किसी विस्मृत भाषा में
और कई पृष्ठ अंतर्ध्यान हो गए
निमर्म कालचक्र के हाथों में
त्यक्त हुए भग्नावशेष
हर दिशा में।
जैसे मेरे होने के प्रमाण
हुए हैं अंकित मेरे अवचेतन पर
जीवन यह परम का दस्तावेज
लिपिबद्ध है किसी दुष्कर भाषा में
और कई जन्म विस्मृत हो गए
जटिल प्रयाणों के हाथों में।
अवशेषित हुई चेतना
हर उत्पत्ति में।
अनुजीत ‘इकबाल’
लखनऊ, उत्तरप्रदेश
परिचय:
नाम – अनुजीत
पता- लखनऊ, उत्तर प्रदेश
जॉब- एक्स इंग्लिश लेक्चरर
किताबें प्रकाशित- 4
किताबों के नाम- ● Radical English for nurses
● Applied grammar and composition
● The inner shrine { novel}
● Psychology and psychiatry for nurses
सम्मान- लखनऊ में 16 वें पुस्तक मेले द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की अंग्रेजी कविता लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान एवं सम्मान।
● विभिन्न पत्रिकाओं और पोर्टल्स में कविताओं का प्रकाशन
शौक- ●अंग्रेजी एवं हिंदी की कविता, कहानियां लिखना।
● ऐक्रेलिक पेंटिंग बनाना {आध्यात्म पर}
● शास्त्रीय संगीत सुनना