बिन फेरे हम तेरे

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इश्क अधूरा ही सही इश्क में आजमाइश रहती है
सात फेरों के बिना भी इश्क में गुंजाइश रहती है
मुकम्मल हो हर कहानी यह मुमकिन तो नहीं
पर हर कहानी कि कोई ख्वाहिश रहती है
इश्क अधूरा ही सही मगर आजमाईश रहती है
टूट कर चाहा उसे पर बिखरने ना दिया
रुह का सौदा हमने जिस्म से करने ना दिया
चाह कर भी कुछ अधूरी दिल में नुमाइश रहती है
सात फेरों के बिना भी इश्क में गुंजाइश रहती है
वादे भी थे, शहनाई बजाने की कसमें भी थी
मर्यादा में रह कर निभाने को कुछ रस्में भी थी,
मगर मौहब्बत की अधूरी कोई फरमाईश रहती है,,
सात फेरों के बिना भी इश्क में गुंजाइश रहती है,,
#सचिन राणा हीरो

matruadmin

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