प्यार

1 0
Read Time1 Minute, 25 Second

जीवन में ,
जिसको मैंने प्यार किया ,
उसी ने मुझे बर्बाद किया ,
ये हकीकत है या अफसाना ,
न कि अवास्तविकता ,
प्यार ……
सिर्फ नाम से बदनाम है ,
ये दर्द तो बहुत देती है ,
दिल , आरज़ू , गम की ,
नदियां बहा देती है ,
एहसास ……
नाम का रह जाता है ,
सिर्फ दिखाने के लिए ,
न की अफसाने के लिए ,
सिर्फ एहसास ,
ये मोहब्बत ……
ही क्या जो अधूरा है ,
जो न पूरा था ,
न पूरा होगा , सिर्फ रह जाएगा ,
एक मसला टूटने का ,
और दिल को तोड़ देने का ,
मोहब्बत , प्यार , प्रेम

रूपेश कुमार 

छात्र एव युवा साहित्यकारजन्म – 10/05/1991शिक्षा – स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर)बी.एड (अध्ययनरत)( महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी बरेली यूपी)वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी !विभिन्न राष्ट्रिय पत्र पत्रिकाओ मे कविता,कहानी,गजल प्रकाशित !कुछ सहित्यिक संस्थान से सम्मान प्राप्त !चैनपुर,सीवान बिहार – 841203

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

कोई रोज़ सही कोई लम्हा भी ऐसा हो

Sun Aug 25 , 2019
कोई रोज़ सही कोई लम्हा भी ऐसा हो बादलों में भींगा हुआ सरज़मीं जैसा हो पानी नाचे झूमके लहलहाते फसलों पे कैसे पागल होते हैं, फिर शमा वैसा हो पेड़ों के बदन पर हों सोने की बालिया पगडंडियों पर बरसता रूपया पैसा हो नदी गाए गीत कोई, झरने नाचे ताल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।