कुछ सुधरो कुछ सम्भलो

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arun jain

अभी-अभी कलम
पकड़ूँ
कोई कलाम पढूं
या कलमा
इबादत करूँ
आदम की
खुदा की
बुत परस्ती करूँ
गर्मी को सहलाऊँ
या की शब्दों से
पत्थर पिघलाऊँ।

नंगे पांव चलूँ
मीलों तक
पानी भरने
या मेघों पर
आस लगाऊं
अपने पाँवों के
छाले देंखू
या परिजन का
दर्द थोड़ा-सा
सहलाऊँ।

अख़बारों में
कॉलम देखे
इश्तहार सरकारी
विकास ऊपर है
महँगाई पर भारी
देश बदल रहा है
उम्मीदों पर पल रहा है
सब फालतू फ़ोकट में
‘जियो ‘पर चल रहा है।

‘जीने’ की कोई बात नहीं
‘जियो और जीने दो’
महावीर से मुलाकात नहीं
अस्तित्व बचाए
हर कोई
सहअस्तित्व की बात नहीं
चुनाव चूना लगाने के
त्यौहार सभी
व्यवहार पर जाने
कब उतरेगें
गरीबी,बेकारी के
पर कब कतरेंगें।

पैरों के छाले
मुँह तक हो आए हैं
सूखे कंठों में
निवाले कब उतरेगें
एक कंठ विषपायी
अच्छा था
नीलकंठ शिव ही
सच्चा था
नीति नियामक
श्रीकृष्ण क्या अबोध
भोला-भाला बच्चा था
मर्यादा पुरुषोत्तम
श्रीराम राजा कितना
सच्चा था।

कुछ सुधरो
कुछ सम्भलो
कुछ चेतो
कुछ जागो
खड़े-खड़े मत
आसमान ताको
छप्पर फाड़ नहीं
देगा,कोई
समस्या के हल
हल बक्खर से
निकलेंगे।

जमीं आसमान
तभी पिघलेंगे
मेहनत का कोई
तोड़ नहीं है,
अच्छी नीयत की
कोई होड़ नहीं
परिणाम सदा
अच्छे होंगें
प्रयास अगर
सच्चे होंगें।

चल जाग मुसाफिर
रेन भई
अब चैन कहाँ
जो सोवत है
उठो-उठो
उठो-उठो
नव दिवस
नव जोश से
भर जाओ
समय नहीं है
ठहर जाओ।

वार वार
त्यौहार यहां
शेष रहे
रविवार यहां
रस्ता अब तुम
मत देखो
लग जाओ
भिड़ जाओ
हस्ती अपनी
मिटा डालो
तब बस्ती
बनती है
बस्ती बस्ती
नगर नगर
नई हस्ती
निर्मित करती है
सूरज रोज राहों में
उतराएगा
चंदा फफोलों पर
पैरों के
मरहम भी लगाएगा।

जब संकल्प तेरे
खड़े होंगें
असीम आकाश से
बड़े होंगें
हाथ हाथ काम करे

                                                                           #अरुण कुमार जैन

परिचय: सरकारी अधिकारी भी अच्छे रचनाकार होते हैं,यह बात
अरुण कुमार जैन के लिए सही है।इंदौर में केन्द्रीय उत्पाद शुल्क विभाग में लम्बे समय से कार्यरत श्री जैन कई कवि सम्मेलन में काव्य पाठ कर चुके हैं। उच्च शिक्षा प्राप्त सहायक आयुक्त श्री जैन का निवास इंदौर में ही है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।