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पल-पल किया इंतजार
सदियों से बीते क्षण-क्षण
कर-कर इंतजार
पतझड़ भी बीत गया |
आ गया सावन
मन भावन
तुम मिलो प्रिये…
इस तरह
टूटे न मिलन का सिलसिला |
तेरे इंतजार में,
बर्बाद हुआ योवन
सपने, सपने बनकर रह गये
हकीकत से हुआ न सामना
कितनी बीती बरसातें
कोरी-कोरी रातें |
किया भरोसा
टूटी न आशा
पर तुम न समझे सम्बन्धों की परिभाषा
सहकर हर उतार-चढ़ाव
छलनी हो गया सीना
मत पूछो मेरा जीना
मर-मर कर जीना |
#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl
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Sat Jul 13 , 2019
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