क्या जरूरी है ….

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goutam
क्या जरूरी है
अहसासों को थाम लेना
क्या जरुरी है
रिश्तों को नाम देना
बताओ  भँवरा किस नाम से पुकारता होगा
खुश रंग कलियों को
बताओ कलियाँ किस रिश्ते से पुकारती होगी
मनचले भँवरे को
क्या जरूरी है
हर सवाल के बरक्स एक जवाब खड़ा कर देना
क्या जरुरी है
हर भावना के आगे तर्क की किताब खड़ा कर देना
 बताओ
धरती कैसे जवाब देती होगी
बीज को कि उसे क्यों मिटना है
उसे जबकि पौधा नहीं होना है
बताओ
बीज क्या जवाब देती होगी
पौधे को की उसे नागफनी क्यों होना पड़ा
उसने गुलाब की तरह उसे पैदा क्यों नहीं किया
क्या जरूरी है
हर सुन्दर पहाड़ को
कैमरे में कैद कर लेना
क्या जरूरी है
हर ख़ुशी को
कहीं दनादन  पोस्ट कर देना
बताओ
मौसम कैसे खींचता होगा
वसंत में तमाम पुष्पघाटियों की तस्वीरें
बताओ
एक खुश कंठ कोयल कहाँ  पोस्ट करती होगी
अपनी सरस स्वर गान की रिकार्डेड  ऑडियो
लो अब तुम नाराज हो गए
यह कहने लगे
क्या जरुरी था
मेरी हर बात को कविता
में डाल कर
मेरी मिमिक्री करना
मैं बस यही कह पाऊंगा
हाँ यह जरुरी तो नहीं था
लेकिन मैं तुम्हारी मिमिक्री नहीं कर रहा था
तुम्हारे वजूद में अपनी
प्रतिछाया , प्रतिक्रया
तलाश रहा था

          #गौतम कुमार सागर

परिचय : वरिष्ठ प्रबंधक के तौर पर गौतम कुमार सागर, वडोदरा(गुजरात) में बैंक ऑफ बड़ौदा में कार्यरत हैं। श्री सागर बीस वर्ष से हिन्दी साहित्य में लेखनरत हैं। अब तक २ एकल काव्य संग्रह,३ साझा संकलनों में रचनाएँ प्रकाशित हैं तो विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में  भी प्रकाशन होता रहता है। अखिल भारतीय स्तर पर निबंध,कहानी एवं आलेख लेखन में पुरस्कृत हुए हैं। अटलादरा(वडोदरा)में आपका निवास है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।