मैं था कहाँ 

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nitesh upadhyay
मैं था कहाँ और कहाँ आ कर के बैठा हूँ
अपना सबकुछ किसी गैर पर लुटाकर के बैठा हूँ
उम्र सदियाँ दौर सब
जिसमें मुझको नजर आया था रब
उस अजनबी के  इंतजार में सबकुछ गवाकर के बैठा हूँ
कुछ भी फसाना था जो कभी तेरे मेरे उस इश्क का
उस इश्क की बस याद में  उम्र को बिताकर के बैठा हूँ
कुछ थी हँसी इन होंठों पर वो शबनम भी तू ले गई
गम ए बरसात के मेरे दिल को बस तू मौसम दे गई
इस लम्हे में भी तेरी मुस्कुराहट दिल में बचाकर के बैठा हूँ
मैं नहीं हो सकता किसी और इस बात पर तू गौर कर
एक मैं हूँ तेरा हर पहर ये बात जमाने को बताकर के बैठा हूँ
न वफा न जफा की उम्मीद है मुझको
हर दफा दिल खफा क्या बता मैं दूँ तुझको
इन बातों का दिल में बोझ भी उठाकर के बैठा हूँ

#नीतेश उपाध्याय

परिचय-

नाम- नीतेश उपाध्याय 
साहित्यिक उपनाम- लेखक नीतेश उपाध्याय

राज्य- मध्यप्रदेश 
शहर- दमोह
शिक्षा- स्नातक बी.एस.सी
कार्यक्षेत्र- शिक्षक एवं निर्देशक स्कूल के 
विधा – काव्य एवं गीत 
प्रकाशन- काव्य रंगोली पत्रिका में कविता,एवं devastro.in पर कविता का प्रकाशन

सम्मान- जीवन साहित्य से सम्मान, अखिल भारती से सम्मानित काव्य क्षेत्र में 
अन्य उपलब्धियाँ- कविताओ एवं खेल क्षेत्र में 
लेखन का उद्देश्य- सामाजिक सुधार एवं उत्साही जीवन पर लक्ष्य।

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पसंदीदा साहित्य

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।