सपनों को सच होने दो

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सपनों को सच होने दो ,
जीवन को मत रोने दो ,
जीवन है बहुमूल्य हीरा ,
जीवन को जग से जीने दो ,
सपनों को सच होने दो तुम !

रह ना जाए कोई बेकार ,
जीवन को मत भूलने दो ,
जीवन है फूलों का हार ,
जीवन को जग जितने दो ,
सपनों को सच होने दो तुम !

प्यार के चक्कर मे पडोगे तो ,
मोबाइल मे रहोगे तुम ,
जीवन दो पल की चीज है ,
इस पल को बर्बाद करोगे तुम ,
सपनों को सच होने दो तुम !

जीवन मे ऐसा करो तुम ,
तुम्हारे पीछे पूरी जहाँ घूमे ,
ना किसी के प्यार के चक्कर मे पड़ो तुम ,
ऐसा करो की तुम्हारे चक्कर मे दुनिया पड़े ,
सपनों को सच होने दो तुम !

कॉल करके रास्ते मे बुलाती हो ,
मिलने के बहाने पढ़ने जाती हो ,
अभी तक तुम ना सम्भलोगी तो तुम ,
तुम्हारी दुनिया नर्क बन जाएगी एक दिन ,
सपनों को सच होने दो तुम !

शिक्षक तुम्हें ज्ञान सिखलाते ,
कभी ना तुमको गलत राह दिखलाते ,
तुम शिक्षकों का आदर करोगी तो ,
प्रेम का चक्कर छोड़ पुस्तकों से प्रेम करोगी तुम ,
सपनों को सच होने दो तुम !

अभी भी समय है तुम्हारे पास ,
पढ़ाई से प्रेम करोगी तुम ,
जीवन मे शिक्षकों को आदर करोगी तो ,
प्रेम से भी ज्यादा खुश रहोगी तुम ,
सपनों को सच होने दो तुम !

सभलना है तो संभल जाओ ,
अभी भी समय है छात्रों ,
नर्क से बच सकतें हो तुम ,
जीवन मे खुशियाँ चाहों तो ,
सपनों को सच होने दो !

शिक्षक के कहें पथ पे चलो तुम ,
सारी खुशियाँ तुम्हें मिलेगी ,
सारा जहाँ तुम्हारे पीछे-पीछे घूमेगा ,
ऐसा जीवन जियो तुम तुम !

रुपेश कुमार

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।