उठो गरीबों

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mukesh rishi varma
धधक रही बिहार की छाती
चहुँओर पसरता मातम
बेशर्म दिल्ली चुप्पी सादे है
डाक्टर तो बस प्यादे हैं

तड़प-तड़प मासूम मर रहे
मंत्री क्रिकेट के स्कोर पूछ रहे
कैसा ये भारत का नव निर्माण
बेबस ममता के निकल रहे प्राण

धरती कांपें और अम्बर कांपें
पर कांपा नहीं शैतानी सिंहासन
उठो गरीबों मुट्ठी बांधों
निज हक हेतु निशाना साधो

जाति-धर्म सबको छोड़ो
हक-अधिकार हेतु युद्ध छेड़ो
भ्रष्ट तंत्र को कब तक ढोओगे
आखिर कब तक नन्हें भारत को इसी तरह मरवाओगे

उठो गरीबों सवाल पूछो –
गूंगे, बहरे, अंधे भारत के संसद से…

#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl

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