मेरा ये सवाल है

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ajay ahsas
मन में विचारों के द्वन्द्व से, प्रतिशोध या प्रतिद्वन्द्व से
क्यों हृदय में उछाल है, मेरा ये सवाल है- मेरा ये सवाल है।
कोई नहीं मिलता किसी से, हर वक़्त लड़तें हैं सभी से
जाती और धर्म के नाम पर, क्यों हो रहा बवाल है
मेरा ये सवाल है- मेरा ये सवाल है।
नेताओं को है हो रहा, शासन व सत्ता का नशा
इन दो नशों के बीच मे, मजदूर बेचारा पिसा
नेता क्यों मालामाल है, मेरा ये सवाल है- मेरा ये सवाल है।
समृद्ध थे, सम्पत्ति थी, कोई नहीं विपत्ति थी
हर तरफ खुशहाली यहाँ , थी और हरियाली यहाँ
पर आज क्यों कंगाल हैं, मेरा ये सवाल है- मेरा ये सवाल है।
कोई खीर पूरी खा रहा, बिरयानी कोई चबा रहा
रही खाने की तो दूर बात, कोई देख भी न पा रहा
क्यों आज ऐसा हाल है, मेरा ये सवाल है- मेरा ये सवाल है।
चार सौ में लोग पहले, बहुत करते काम थे
नाम और इज्जत की खातिर , काम करते तमाम थे
पर आज चालीस हजार में, क्यों हो रहा हड़ताल है
मेरा ये सवाल है- मेरा ये सवाल है।
उस लक्ष्मण की सोच लो, अपने दिलों में खोज लो
राजमहलों का सुकून , था जिन्होंने तज दिया
और भाई के लिए , था प्राण न्योछावर किया
पर आज भाई- भाई में फिर, क्यों न बोलचाल है
मेरा ये सवाल है- मेरा ये सवाल है।

#अजय एहसास

परिचय : देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के सुलेमपुर परसावां (जिला आम्बेडकर नगर) में अजय एहसास रहते हैं। आपका कार्यस्थल आम्बेडकर नगर ही है। निजी विद्यालय में शिक्षण कार्य के साथ हिन्दी भाषा के विकास एवं हिन्दी साहित्य के प्रति आप समर्पित हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।