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जब भी देखूँ कोई नज़ारा
जुगनू दिल का हवा में उड़ता है
फिर खुद की भी नही सुनता है
जगमग रैन वो करता है
ख़्वाव कितने बुनता है
कभी बन कर सितारा
फ़लक पर घर बनाता है
चुराकर रंग फ़ज़ा के
ज़िन्दगी में भर जाता है
ख़्वावों से निकल कर
फिर हक़ीकत ऐसी बुनता है
रू-ब- रू तुम से होने की
पुरज़ोर कोशिश करता है
तबस्सुम तुम्हारे लवों की
दिल की डाली महकाती है
मिलने की आस में
फूल फिर खिलते हैं
खुशबू से तन – मन को महकाते है
फिर सेहरा में जैसे बारिश होती है
कानों में तराने नए गूँजते हैं
ऐसे में क्यों नही
कुछ पल हक़ीकत से दूर
ख़्वाबों की दुनिया में चलते हैं
बेरुख़ी से दूर मुहब्बत के पल बुनते हैं ।।
#नीलू थापा
परिचय-
नाम-नीलम देवी
साहित्यिक उपनाम- नीलू थापा
वर्तमान पता- Rehmati ऊधमपुर near convent हाई स्कूल ।
राज्य- जम्मू कश्मीर
शहर- उधमपुर
शिक्षा- post graduate
कार्यक्षेत्र- शिक्षा विभाग
विधा – छंद मुक्त
लेखन का उद्देश्य- समाज को बुनियादी कुरीतियों से से दूर करना ।
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Thu Apr 25 , 2019
साहित्य संगम व्याकरण शाला अधिक्षिका श्रीमती लता खरे जी ने बताया है किसाहित्य संगम संस्थान द्वारा संचालित व्याकरण शाला जिसमें व्याकरण की नियमित कक्षाएँ आ० लता खरे जी के निर्देशन में आयोजित होती है , अभी १५-०४-२०१९ से २१-०४-२०१९ तक संचालित अभ्यास कार्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन और सक्रियता हेतु व्याकरण […]