प्रभु श्रीराम 

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gopal
          चैत्र नवरात्र में जन्में रघुवीर
          हर्षाया अवध,सरयू का नीर ।।१।।
          दीप जले, बंटे लड्डू – खीर
          राम को  पाकर  दूर हुई पीर ।।२।।
          झुकाते चरणों में नित शीश
          देते भक्त  को सदा आशीष ।।३।।
          कहलाएं मर्यादा पुरुषोत्तम
          वचन को दे स्थान सर्वोत्तम ।।४।।
         हद पार हुई लंका की प्राचीर
         रावण को मारा चलाकर तीर ।।५।।
         क्या लगाएं राम का अनुमान
         जिनके भक्त शबरी – हनुमान ।।६।।
         समरसता का भाव सिखलाया
         भक्त सबरी का झूठा बैर खाया ।।७।।
          असुरों  से  लडे  भक्त  हनुमान
          पाया प्रभु राम के चरणों में स्थान ।।८।।
          राम ही है जगदीश, नारायण
          करेंगे कृपा प्रभु पढें रामायण ।।९।।
        रामनाम की शक्ति जाने आज
        रामनाम से सफल होय काज ।।१०।।

#गोपाल कौशल

परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।

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