तराने लिखूँ मैं शहादत भरे

0 0
Read Time2 Minute, 15 Second

babulal sharma
.       ……👀👀
वतन की हिफाजत करेंगें सखे।
जतन भी  सही  हो सुरक्षा रखे।
शहादत  करें  देश  हित  मे रहे।
लहू भी  हमारा  वतन हित बहे।

तिरंगा  सदा   ही  रहेगा गगन।
हमेशा  रहे  देश  के हित मगन।
बहे  धार गंगा  सदा  की तरह।
करे जंग हम ही  हमेशा फतह।

तराने  लिखूँ  मै शहादत  भरे।
हमारे  लिए  वीर  हमदम  मरे।
भुला दें गिले  जो बसे मन रहे।
मनो भाव  अपने वतन के बहे।

कटे शीश  चाहे  मिलें गोलियाँ।
रहे शान  माँ  की  लहू होलियाँ।
यही रीत हमको  निभानी सखे।
तिरंगा  हमेशा   गगन  में  रखें।

पड़ोसी पिशाची सबक सीखले।
पिटे सोच पहले अगर चीख ले।
मिेटाना  जरूरी  नशा पाक का।
भरे जब  गरूरी  घड़ा पाप का।

विनाशी   डराएँ   पटाखे  चला।
विकासी डरे क्यों बताओ भला।
हमारी   बिलाई   मियाऊँ   कहे।
बताओ सखे यों कहाँ तक सहे।

सुनारी कहे चोट खट खट करे।
लुहारी  करो पाक  झटपट मरे।
भरोे लाल डोरे  निगाहों   सखे।
तभी स्वाद पापी पिशाची चखे।

रहे  देश  मेरा  अमर  कामना।
हमारी  रहेगी  सदा    भावना।
रहे  संविधानी  रिवाजें   वतन।
मिटेंगी उदासी विकासी जतन।

नाम– बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

अनसुलझा हुआ सा हूँ

Fri Apr 12 , 2019
अनसुलझा हुआ सा हूँ थोड़ा सुलझा दो मुझे भी कंही खोया हुआ सा हूँ खुद से मिला दो मुझे भी .. नही मिला पाओगे मुझे मुझमे ही डूब जाओगे हां पता है मुझे…. वो साथ मेंरे यूँ चलना तेरा हाथो में हाथ मेरे रखना तेरा वो हँसी पे यूँ हँसना […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।