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नारी माँ है भगवान का अवतार है
मेरी खुशियों का वही आधार है
नारी मन कोमल नारी से संसार है
नारी बिन कुछ नही सब निराधार है
नारी मित्र,अर्धांगिनी,नारी के उपकार है
नारी सौंदर्य का रूप,नारी मददगार है
नारी शौर्य का रूप,नारी वफादार है
नारी से ही जीत है,कभी भी ना हार है
नारी में स्वाभिमान, नारी खुद्दार है
नारी पे अभिमान,नारी से घरबार है
नारी जीत की राह,नारी असरदार है
नारी से सम्भव,सपने सभी साकार है
#किशोर छिपेश्वर ‘सागर’
परिचय : किशोर छिपेश्वर ‘सागर’ का वर्तमान निवास मध्यप्रदेश के बालाघाट में वार्ड क्र.२ भटेरा चौकी (सेंट मेरी स्कूल के पीछे)के पास है। आपकी जन्मतिथि १९ जुलाई १९७८ तथा जन्म स्थान-ग्राम डोंगरमाली पोस्ट भेंडारा तह.वारासिवनी (बालाघाट,म.प्र.) है। शिक्षा-एम.ए.(समाजशास्त्र) तक ली है। सम्प्रति भारतीय स्टेट बैंक से है। लेखन में गीत,गजल,कविता,व्यंग्य और पैरोडी रचते हैं तो गायन में भी रुचि है।कई पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित होती हैं। आपको शीर्षक समिति ने सर्वश्रेठ रचनाकार का सम्मान दिया है। साहित्यिक गतिविधि के अन्तर्गत काव्यगोष्ठी और छोटे मंचों पर काव्य पाठ करते हैं। समाज व देश हित में कार्य करना,सामाजिक उत्थान,देश का विकास,रचनात्मक कार्यों से कुरीतियों को मिटाना,राष्ट्रीयता-भाईचारे की भावना को बढ़ाना ही आपका उद्देश्य है।
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Fri Mar 8 , 2019
तुम संभावनाएं अपार हो। स्नेह पुंज, तुम जीत, तुम्हीं हार हो। भावों की अभिव्यक्ति तुम संसार हो तुम संभावनाए अपार हो। मेरे अस्तित्व में दखल देने वाले अकुलाये मन को सम्बल देने वाले मेरी दशा-दिशा को बदल देने वाले गुरु माँ, शाश्वत ममता के सार हो तुम संभावनाए अपार हो। […]