अरमानों का खून 

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mukesh rishi varma

सच पूछो तो भगत सिंह तेरे
अरमानों का खून हुआ है
तेरे बलिदान को अनदेखा किया है
तेरे खून के कतरा-कतरा को नीलाम किया है |
आजाद हिंदुस्तान के नेताजी ने
आजादी को खूब भुनाया
स्विस बैंक में खाता खुलवाया
फिर उसको भरने के वास्ते
घोटालों का रिकार्ड बनाया |
कथनी करनी में इनके अंतर
अपने ही घर में षडयंत्र रचाया
लूटकर आदिवासियों की जमीनें
वेघर उन्हें बनाया
उद्योगपतियों को आँख बंदकर फायदा पहुंचाया |
देकर जन्म लाल सलाम को
भारत माँ के सपूतों को आपस में लडवाया
आजादी की कुर्बानियों को भुलाया
सच पूछो तो भगत सिंह तेरे
सपनों का भारत बन नहीं पाया… |

#मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

परिचय : मुकेश कुमार ऋषि वर्मा का जन्म-५ अगस्त १९९३ को हुआ हैl आपकी शिक्षा-एम.ए. हैl आपका निवास उत्तर प्रदेश के गाँव रिहावली (डाक तारौली गुर्जर-फतेहाबाद)में हैl प्रकाशन में `आजादी को खोना ना` और `संघर्ष पथ`(काव्य संग्रह) हैंl लेखन,अभिनय, पत्रकारिता तथा चित्रकारी में आपकी बहुत रूचि हैl आप सदस्य और पदाधिकारी के रूप में मीडिया सहित कई महासंघ और दल तथा साहित्य की स्थानीय अकादमी से भी जुड़े हुए हैं तो मुंबई में फिल्मस एण्ड टेलीविजन संस्थान में साझेदार भी हैंl ऐसे ही ऋषि वैदिक साहित्य पुस्तकालय का संचालन भी करते हैंl आपकी आजीविका का साधन कृषि और अन्य हैl

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