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देश धरा पर संकट हो तब,
रक्षक वीर करे रखवाली।
सैनिक के बल सोय रहे सुख,
जीम रहे हम भोजन थाली।
चौकस धीरज रखता सैनिक,
शान सपूत रहे वन माली।
आन निभा कर मान रखे वह,
रीत शहीद नई रच डाली।
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बारिश शीत सहे हिम आतप,
शस्त्र रखे अरि शूल मिटाए।
देश रखे निज वेष रखे वह,
मान शहीद बड़े कहलाए।
गर्व करे हम वीर सभी पर,
धीर सपूत धरा पर जाए।
और सगर्व रहे मम भारत,
रक्षक वीर शहीद कहाए।
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वीर करे बलिदान धरा हित,
मात समान मही वह माने।
जन्म मिले इस भारत भू पर,
अंतिम चाह शहादत जाने।
सीम हिमालय पर्वत तीरथ,
रेत नदी सब चाह सजाने।
शत्रु मार भगा निज ताकत,
शान शहादत रीत रचाने।
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मान करे हम मीत शहादत,
रीत सुप्रीत सदा यश गाएँ।
प्राण दिए उन मात धरा हित,
आज सभी मिल मान बढ़ाएँ।
ईश समान रहे बन रक्षक,
मूरत सुंदर साज सजाएँ।
देश धरा यश मान शहादत,
वे परिवार सभी अपनाएँ।
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पाक अराजकता कर कायर,
मानव बम्म दगेे पुलवामा।
वीर बयालिस भारत भू सुत,
छोड़ गये परिवार व वामा।
देश शहीद समाज कहे पर,
वे भगवान बसे सुर धामा।
आज करे प्रण मान धरा हित,
पावन मंदिर मस्जिद जामा।
नाम– बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः