लेखिका साहित्य संस्थान का 29 वां वार्षिक समारोह सम्पन्न

0 0
Read Time3 Minute, 25 Second
IMG_20190218_070236
 दिनांक 17 फरवरी ।
राजस्थान लेखिका साहित्य संस्थान का 29 वां वार्षिक समारोह कनोडिया कॉलेज के तत्वाधान में 17 फरवरी को कॉलेज सभागार में प्रोफेसर डॉ०सुदेश बत्रा की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
सह सचिव रेनू शर्मा ने बताया कि इस सम्मान समारोह का शुभारंभ अक्षिणी
भटनागर के सरस्वती वंदना गायन के साथ मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ।
संस्थान की अध्यक्ष डॉ जयश्री शर्मा ने सभी का स्वागत करते हुए आज के दिन को विशेष बताया व पुलवामा में शहीद हुए हमारे सैनिक बंधुओं के लिए निःशब्द होते हुए 2 मिनट मौन रखवाया।
अध्यक्ष प्रोफेसर सुदेश बत्रा जी(साहित्य साधिका एवं प्रमुख शिक्षविद ,मुख्य अतिथि प्रमुख साहित्यकार एवं वेलफेयर सोसायटी अलवर की अध्यक्ष एडवोकेट श्री राजश्री अग्रवाल,  तथा विशिष्ट अतिथि डॉ०महेंद्र सुराणा पूर्व (IAS) के साथ डॉ०जयश्री शर्मा,सुधीर उपाध्याय, डॉ०रेखा गुप्ता,डॉ०सुषमा शर्मा व रेनू शब्दमुखर ने वागमणि सम्मान से क्षमा चतुर्वेदी कोटा को ,कर्मश्री सम्मान से जयपुर निवासी स्नेहप्रभा परनामी को,वेणु सम्मान से शशि मंगल, बेंगलोर को, श्रीमती नलिनी उपाध्याय स्मृति सम्मान से माधुरी शास्त्री जी जयपुर को, तथा श्रीमती सुमन मेहरोत्रा सम्मान से राज चतुर्वेदी जी  को श्रीफल,शॉल, स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर सभी सम्मानित साहित्यकारों ने अपने आपको गौरवान्वित बताया।
कार्यक्रम की अध्यक्ष श्री सुदेश बत्रा जी ने नारी शक्ति, परिवार ,भाषा और साहित्य आदि विभिन्न सामाजिक सामाजिक मुद्दों पर विचार करते हुए प्रेरणादायी उद्बोधन दिया।
मुख्य अतिथि राजश्री अग्रवाल ने एडवोकेट होने के नाते चिंताजनक
सामाजिक परिस्थितियों  विश्लेषण किया व
 उम्मीद की कि साहित्यकार समाज को अपने कार्य  से एक नई दिशा देंगे।
विशिष्ट अतिथि महेंद्र सुराणा सही साहित्य सृजन की प्रेरणा देते हुए हम सभी को आज की आवश्यकता हिंदी भाषा को संरक्षित करने की है ,बताया।
अंत में संस्थान की उपाध्यक्ष डॉ०रेखा गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का सफल मंच संचालन डॉ०धर्मा यादव व रेनू शब्दमुखर ने किया।
#रेनू शर्मा शब्दमुखर

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

अब न सहेंगे

Mon Feb 18 , 2019
बहुत सह लिया अब न सहेंगे बेमौत सैनिक अब न मरेंगे धैर्य परीक्षा अब पूरी हो गई बातचीत अब नही करेंगे चेतावनी नही हमले की बारी दुश्मन के खात्मे की तैयारी पड़ौसी देश को ओकात बता दो नक्शे से उसका नाम मिटा दो पाक नही नापाक है वह तो गिरगिट […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।